दिल्ली : जहां एक और वर्तमान कांग्रेसी नेता हरक सिंह रावत कभी ED तो कभी सीबीआई से परेशान चल रहे हैं । और कहीं ना कहीं इसके पीछे उनका बीजेपी से कांग्रेस में सम्मिलित होना ,तथा बीजेपी पर कटाक्ष करना भी कारण माना जा रहा है ।
वहीं बीते दिनों से हरक सिंह रावत और उनकी पुत्रवधू अनुकृति रावत के कांग्रेस छोड़ पुनः बीजेपी में सम्मिलित होने की खबरें चर्चा का विषय बनी हुई है , माना जा रहा है कि ED प्रकरण में कांग्रेस द्वारा उनके भरपूर साथ न दिए जाने के कारण वह क्षुब्ध हैं।
इसी अटकलों के बीच कल पूर्व मंत्री हरक सिंह रावत को कांग्रेस हाईकमान ने बड़ी जिम्मेदारी सौंपी है। उन्हें उड़ीसा में विधानसभा और लोकसभा चुनाव में समन्वय बनाने के लिए पर्यवेक्षक बनाया गया है ।
माना जा रहा है कि कांग्रेस के इस फैसले के पीछे कहीं ना कहीं हरक सिंह रावत को उत्तराखंड राज्य से दूर रखने का प्रयास भी है ,क्योंकि हरक सिंह रावत हरिद्वार सीट से टिकट की दावेदारी कर चुके हैं जहां की उनके कट्टर विरोधी रहे हरीश रावत भी टिकट के प्रबल दावेदार हैं ।
अब देखना होगा कि हरक सिंह रावत कांग्रेस हाई कमान के इस फैसले का स्वागत करते हैं या खारिज करते हैं बता दें कि कल अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी के महासचिव केसी वेणुगोपाल की ओर से उड़ीसा चुनाव के लिए पर्यवेक्षकों की तैनाती के आदेश जारी किए जिसमें मीनाक्षी नटराजन, हरक सिंह रावत और प्रगट सिंह को पर्यवेक्षक बनाया गया है
जल्द धुल सकते है हरक सिंह के दाग , बहु अनुकृति का भी मिलेगा साथ :

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