देहरादून : पिछला वक्त वर्तमान कोंग्रेसी नेता हरक सिंह के लिये काफी मुश्किल भरा रहा है । कभी ED ,तो कभी CBI की मार झेलते झेलते हरक सिंह को अपने बीजेपी छोड़ कांग्रेस में वापसी के फैसले पर अफसोस तो हुआ है ।
जनता द्वारा कही ना कहीं चुनावों से पहले अचानक ED की छापेमारी विपक्ष को आर्थिक रूप से कमजोर करने का एक हथकंडा भी माना जा रहा है ।
ऐशे में जनता के बीच एक कहावत चलित है कि बीजेपी में जाने से सारे दाग धूल जाएंगे ।
उत्तराखंड हलचल के सूत्रों से ताजा खबर है कि जल्द हरक सिंह पुराने गिलवे शिकवे भूला भारतीय जनता पार्टी का दामन पुनः थाम सकते है , और बहू अनुकृति भी उनके साथ कांग्रेस छोड़ सकती है ।
दलबदल के लिये विख्यात हरक सिंह कदावर नेता के साथ साथ विवादित भी माने जाते है ऐशे में उंनका बीजेपी में वापस जाना कॉंग्रेस के लिये नुकसानदायक होता है या फायदेमंद ये अभी कहना मुश्किल है ।

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