रुद्रप्रयाग ( उत्तराखंड ) केदारघाटी में 31जुलाई 2024 रात भारी बारिश के साथ जगह बादल फटने से भारी तबाही देखने को मिली ।
जिससे एक बार 2013 वाला मंजर लोगों को याद आगया ।
केदारनाथ और सोनप्रयाग के बीच बहुत सारे तीर्थ यात्री व स्थानीय लोग फसें है ।
लोगों सुरक्षित रेस्क्यू करने के लिए जिला प्रशासन व पुलिस सहित अन्य सुरक्षा बल लगातार कार्य कर रहे हैं।
-कल 3 दिव्यांगों का भी रेस्क्यू किया गया।
– केदारनाथ से चौमासी होते हुए कालीमठ एसडीआरएफ की टीम ने 114 यात्रियों को सुरक्षित पहुँचाया है।
-इसके अतिरिक्त, गौरीकुंड-तोशी-त्रिजुगीनारायण मार्ग पर फंसे 11 लोगों को भी सुरक्षित रेस्क्यू किया गया है। इनमें से 9 लोगों को स्थानीय लोगों की मदद से और 2 लोगों को विषम परिस्थितियों में बचाया गया ।

सभी बचाव टीमें विषम परिस्थितियों दिन रात बचाव कार्य कर रही है ।

-इडियन आर्मी द्वारा बनाए जा रहे वैली ब्रिज का निर्माण लगभग हो चुका है । जिससे बचाव कार्य मे बहुत मदद मिलेगी
आज 5 अगस्त को प्रातःकाल केदार घाटी का मौसम साफ होने के साथ ही एमआई-17 और चिनूक से एयर लिफ्ट रेस्क्यू शुरू हो गया है ,जहां एमआई-17 चारधाम हेलीपैड गुप्तकाशी पर यात्रियों को उतार रहा है जबकि चिनूक गौचर हवाई पट्टी पर यात्रियों को उतार रहा है
वहीं लिंचोली एवं भीमबली तक पहुंचे यात्रियों को हैलीकॉप्टर से नीचे लाया जा रहा है। आज अब तक कुल 340 यात्रियों को केदारनाथ, लिंचोली व भीमबली से सुरक्षित एयरलिफ्ट किया गया है।
-केदारनाथ घाटी में लिंचोली से भीमबली के बीच ड्रोन के माध्यम से भी SDRF का सर्चिंग ऑपरेशन लगातार जारी है।
इसके अलावा गौरीकुंड की ओर फंसे घायल, बुजुर्ग एव दिव्यांगों को रेस्क्यू करने के लिए सेना ने एक ट्रॉली स्थापित कर दी है।
– रविवार को चलने में असमर्थ लोगों के अलावा कई बुजुर्ग एव घायलों को इससे रेस्क्यू किया गया। वाश आउट हुए रास्तों को पुनर्स्थापित करने की योजना तैयार की जा रही है। वहीं डॉग टीम स्निफर डॉग की मदद से सर्च अभियान भी शुरू कर चुकी है।
प्रशासन सभी यात्रियों से अनुरोध कर रहा है कि जो जहाँ है वहीं सुरक्षित स्थान पर रहे स्वयं से भटकने की स्थिति में गंभीर परिणाम हो सकते है।

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