देहरादून ( उत्तराखंड पुलिस ):
अक्सर हम दयावस या अपनी धार्मिक मान्यताओं के चलते आते- जाते,या घर आये किसी न किसी को भीख स्वरूप कुछ धनराशि दे देते हैं। जो कहीं ना कहीं हम अपराध के हिस्सेदार है , हम सामने वाले इंसान को बिना जाने ,बिना उसकी स्थिति देख धन राशि दे एक अपराध कर रहे होते है ।भीख मांगना किसी भी समस्या का सामाधान नहीं है । ऐशे में भीख दे कर भेरख मांगने वाले का उत्साह ना बढ़ाये ।
इस सब को ले कर देहरादून पुलिस की एन्टी ह्यूमन ट्रफिकिंग यूनिट ने भिक्षावृत्ति पर प्रभावी रोकथाम हेतु चलाया Campaign शुरू किया है ।
जिसको हम ऑपरेशन “मुक्ति (भिक्षा नहीं शिक्षा दें)” नाम से जान रहे है । इसी के तहत एन्टी ह्यूमन ट्रैफिकिंग यूनिट देहरादून द्वारा दिनांक 14मार्च2024 को आई0एस0बी0टी0 देहरादून के पास 05 महिलाओ को गिरफ्तार किया जो आने जाने वाले वाहनों को रोककर भीख मांग रही थी, जिससे आने जाने वालों लोगों को परेशानी हो रही थी तथा यातायात बाधित हो रहा था । मौके एण्टी ह्यूमन ट्रैफिकिंग यूनिट देहरादून की टीम द्वारा भीख मांगने वाली महिलाओं से भीख मांगने का कारण पूछा तो उन्होंने बताया कि लोग हमें गरीब समझकर कुछ रुपये दे देते हैं । उपरोक्त पांचों महिलाओं को मौके पर हिरासत में लेकर थाना पटेलनगर में उनके विरुद्ध उत्तर प्रदेश भिक्षावृत्ति अधिनियम 1975 के तहत अभियोग पंजीकृत किया गया ।
नाम पता अभियुक्ता गण-
1- धनमारू पत्नी आत्माराम पिता का नाम चैतमल निवासी नैनवा कोटा बून्दी राजस्थान हाल- मोथरोवाला चौक देहरादून उम्र 19 वर्ष
2- सुनीता पत्नी नानू पिता का नाम चैतमल निवासी उपरोक्त उम्र 18 वर्ष
3- रेखा पुत्री गिरीराज निवासी नैनवा कोटा बून्दी राजस्थान हाल- कारगी चौक देहरादून उम्र 19 वर्ष
4- बिट्टी पत्नी स्व0 गोविन्द निवासी नयां गांव हरदोई उत्तर प्रदेश उम्र 55 वर्ष
5- अंजली पुत्री गोविन्द निवासी- नया गांव हरदोई उत्तर प्रदेश हाल निवासी- ISBT देहरादून उम्र 22 वर्ष
इसलिए आप भी भीख ना दे ,अपराध और अपराधियों से बचें