उत्तराखंड आयुर्वेदिक विश्वविद्यालय वैसे तो अपने कारनामों की वजह से सुर्खियों में बना रहता है वहीं बीते दिनों लगातार कई दिनों से उपनल,  पीआरडी, संविदा में कार्यरत कर्मचारियों द्वारा 3 महीने वेतन न मिलने के कारण धरना दिया जा रहा है इसी बीच एक बड़ी खबर इसी विश्वविद्यालय से आ रही है जहां उत्तराखंड की योग एम्बेसडर बनाई गई दिलराज कौर ने अपने ही उच्च अधिकारियों पर मानसिक उत्पीड़न का आरोप लगा दिया है उन्होंने कहा वह पंजाब से 2015 में यहां अपनी शिक्षा ग्रहण करने उत्तराखंड सरकार के आश्वासन पर आई थी और उन्हें यूनिवर्सिटी द्वारा यह आश्वासन दिया गया था की उच्च शिक्षा पूर्ण करने के बाद उन्हें यूनिवर्सिटी में ही कार्य दे दिया जाएगा, उनके उच्च शिक्षा खत्म होने के बाद उन्हें यूनिवर्सिटी में संविदा के रूप में कार्य दे दिया गया और हर वर्ष उनका एक्सटेंशन समय-समय पर यूनिवर्सिटी द्वारा और शासन द्वारा कर दिया जा रहा था पर अभी पिछले 11 महीने से उन्हें कोई भी वेतन नहीं दिया गया है उनका कहना है जब वह यह शिकायत लेकर अपने उच्च अधिकारियों के पास जाती है तो उनके अधिकारियों द्वारा कार्य को करने हेतु बदले में क्या दिया जाएगा जैसी बातें सुनने को मिलती है जिससे वह मानसिक रूप से प्रताड़ित हो रही है उन्होंने कहा कि उन्होंने इस यूनिवर्सिटी को कई पड़े मंचों पर योग के जरिए आगे बढ़ाने का कार्य किया है पर अब यूनिवर्सिटी ,शासन उनसे ऐसा व्यवहार क्यों कर रहा है यह हैरानी की बात है, उन्होंने कहा यह उनकी हक की लड़ाई है और इस लड़ाई को वह लडती रहेगी यह उनके भविष्य का सवाल है

पूरे देश में जहां लगातार महिला सशक्तिकरण की बात हो रही है वहीं इस तरीके की वारदात सच में हैरान कर देने वाली है जहां एक महिला जिसने अपना पूरा जीवन योग को दे दिया उसके साथ उच्च अधिकारियों द्वारा इस तरीके का व्यवहार किया जा रहा है

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