कैंसर डे स्पेशल :
पूनम पांडे की निधन की खबरें और जीवित होने का राज
विवादित मॉडल व अभिनेत्री पूनम पांडेय के निधन की मौत की खबरें आखिरकार झूठी निकली ।
पूनम पांडेय इंस्टाग्राम व अन्य सोशल मीडिया प्लेटफार्म्स पर लाईव आकर बताया कि ये उनका एक जागरूकता के लिये किया गया स्टंड था ।
जिस सर्वाइकल कैंसर से उनकी मौत बताई जा रही थी आइये थोड़ी जानकारी सर्वाइकल कैंसर के बारे में जानकारी करें :
👉सर्वाइकल कैंसर गर्भाशय के निचले हिस्से, जिसको सर्विक्स कहा जाता है, को प्रभावित करता है। पूरी दुनिया में यह महिलाओं में होने वाला चौथा सबसे कॉमन कैंसर है। अकेले 2020 में पूरी दुनिया में 6 लाख से ज्यादा महिलाओं में सर्वाइकल कैंसर रिपोर्ट हुआ था और इसी साल पूरी दुनिया में 340000 से ज्यादा महिलाओं की मृत्यु इस कैंसर से हुई थी। एशिया महाद्वीप में इसके सबसे ज्यादा केस मिले थे जबकि उत्तरी अमेरिका में सबसे कम।
👉इस कैंसर की वजह से हर साल औसतन लगभग 569000 नए केस आते हैं। प्रत्येक 1 लाख महिलाओं पर इसकी इंसिडेंस दर और सालाना मृत्यु दर क्रमशः 13.1 और 6.9 हैं। मतलब हर एक लाख महिलाओं में से 13.1 को यह कैंसर होता है ,और 6.9 की मृत्यु हो जाती है। हिंदुस्तान में ये दरें और भी अधिक हैं। 14.7 और 9.2।
👉भारत में 45 करोड़ से ज्यादा महिलाएं इस कैंसर के रिस्क पर हैं और हर साल लगभग 96000 नए केस रिपोर्ट होते हैं व लगभग 60000 मौतें होती हैं। स्तन कैंसर के बाद सर्वाइकल कैंसर भारत की महिलाओं में होने वाला दूसरा सबसे कॉमन कैंसर है।
👉तो सर्वाइकल कैंसर क्या है?
यह सर्विक्स यानी बच्चेदानी के निचले हिस्से की कोशिकाओं में होता है। इसका सबसे बड़ा कारण एक वायरस Human Papillomavirus (HPV) का लगातार या लम्बे समय तक होने वाला इन्फेक्शन है। यहाँ यह समझना जरूरी है कि हर महिला यह इन्फेक्शन और कैंसर होने का खतरा होता है। इसलिये जितना जल्द हो सके इसका पता लगाना इसके सफल इलाज के लिये जरूरी है।
👉HPV यानी ह्यूमन पैपीलोमा वायरस की कुछ हाई रिस्क स्ट्रेन्स इसका प्राथमिक कारण होती हैं। दूसरे रिस्क फैक्टर्स हैं धूम्रपान, कमजोर रोग प्रतिरोधक क्षमता, शादी की कम आयु, गर्भनिरोधक दवाओं का लंबे समय तक प्रयोग और इस कैंसर की फैमिली हिस्ट्री।
👉इससे बचाव कैसे कर सकते हैं?
सबसे पहले और सबसे ज्यादा जरूरी है इसके रिस्क फैक्टर्स की जानकारी होना। दूसरा यौन हाईजीन यानी यौन अंगों की साफ सफाई का ध्यान रखना। HPV के इन्फेक्शन से बचाव के लिये वैक्सीन उपलब्ध है। भारत सरकार ने हालिया बजट में 9 से 14 वर्ष की किशोरियों के लिये इस वैक्सीन को प्रोमोट करने की घोषणा की है। पश्चिमी देशों में यह वैक्सीन इससे बचाव के लिये बहुत महत्वपूर्ण साबित हुई है। इसके साथ सुरक्षित यौन सम्बन्ध, बाल विवाहों पर रोक, धूम्रपान का त्याग व एक स्वस्थ जीवनचर्या इसका रिस्क कम करने में योगदान दे सकते हैं।
👉इसके अलावा डॉक्टर के पास नियमित रूप से इसकी जाँचें जैसे पैप स्मियर और HPV टेस्ट इसकी जल्दी पहचान और इलाज शुरू करने में गेम चेंजर साबित हुए हैं। अगर आप 30 वर्ष से अधिक आयु की महिला हैं तो आपको नियमित रूप से डॉक्टर से जाँच करवाना सुनिश्चित करना चाहिए। कैंसर शुरू होने से पहले सर्विक्स में कुछ बदलाव आते हैं, जिनकी समय पर पहचान करके इसकी रोकथाम व इलाज किया जा सकता है। इसलिये जरूरी है कि डॉक्टर के पास सर्वाइकल और ब्रेस्ट कैंसर की नियमित जाँच जरूर करवाते रहें।
👉इसके लक्षण क्या हैं?
असामान्य रक्तस्राव, कमर के निचले हिस्से में दर्द, योनि से असामान्य स्राव, यौन संबंधों के दौरान दर्द होना आदि इसके कुछ लक्षण हैं। यहाँ ध्यान देने योग्य बात ये है कि ये सभी लक्षण किसी और वजह से भी हो सकते हैं लेकिन इस तरह के लक्षण होने पर डॉक्टर से चेक जरूर करवा लेना चाहिए ताकि किसी तरह का खतरा होने पर समय से इलाज शुरू किया जा सके।
कुलमिलाकर सर्वाइकल कैंसर से सम्बंधित ज्ञान इसके बचाव व इलाज के लिए पहला कदम हैं।
सर्वाइकल कैंसर : समझदारी ही बचाव है।
डॉ नवमीत
वाया कमल दीक्षा