उत्तराखंड (देहरादून)- लंबे समय मे सुर्खियों में आये UCC बिल को आखिरकार उत्तराखंड में 27 जनवरी
2025 को लागू कर दिया गया ।
उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने आज मुख्यमंत्री आवास में यूसीसी के पोर्टल को लॉन्च किया ।
बताते चले कि ऐसा करने वाला उत्तराखंड देश का पहला राज्य बन गया है । हालाँकि उत्तराखंड के मूल निवासी भू कानून व मूल निवास 1950 लागू करने की माँग कर रहे है ।
मुख्य सेवक सदन में आयोजित समारोह में कल मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने विधिवत तौर पर समान नागरिक संहिता (यूसीसी) की अधिसूचना का अनावरण, यूसीसी पोर्टल ucc.uk.gov.in का शुभारंभ और यूसीसी नियमावली बुकलेट का विमोचन किया।
यूसीसी पोर्टल पर मुख्यमंत्री ने सबसे पहले अपने विवाह का पहला पंजीकरण कराया, जिसका प्रमाणपत्र मुख्य सचिव राधा रतूड़ी ने मुख्यमंत्री को सौंपा।
इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने यूसीसी के तहत सर्वप्रथम पंजीकरण कराने वाले पांच आवेदकों को भी प्रमाणपत्र प्रदान किए।
मुख्यमंत्री ने कहा कि उत्तराखण्ड में समान नागरिक संहिता का ड्राफ्ट तय करने के लिए विशेषज्ञ कमेटी ने 2.35 लाख लोगों से सम्पर्क किया।
उन्होंने कहा कि उत्तराखण्ड में समान नागरिक संहिता लागू करके राज्य सरकार संविधान निर्माता बाबा साहेब डॉ. बी.आर. आम्बेडकर सहित संविधान सभा के सभी सदस्यों को सच्ची भावांजलि दे रही है।
– मुख्यमंत्री ने कहा कि वर्णित अनुसूचित जनजातियों को इसके दायरे से बाहर रखा गया है। इससे उनके रीति रिवाजों का संरक्षण हो सकेगा।
-जिन पंजीकृत व्यक्तियों का विवाह यूसीसी के लागू होने से पूर्व पंजीकृत हुआ हो या तलाक की डिग्री घोषित हुई हो या विवाह निरस्त हुआ हो, उनसे पहले छह महीने में किसी भी तरह का रजिस्ट्रेशन शुल्क नहीं लिया जायेगा।
-26 मार्च 2010, से संहिता लागू होने की तिथि बीच हुए विवाह का पंजीकरण अगले छह महीने में करवाना होगा।
संहिता लागू होने के बाद होने वाले विवाह का पंजीकरण विवाह तिथि से 60 दिन के भीतर कराना होगा
-मुख्यमंत्री ने कहा कि यूसीसी किसी भी धर्म या पंथ के खिलाफ नहीं है। यह समाज की कुप्रथाओं को मिटाकर, समानता से समरसता कायम करने का कानूनी प्रयास है। इसमें किसी की भी मूल मान्यताओं और प्रथाओं को नहीं बदला गया है। उन्होंने कहा कि विश्व के प्रमुख मुस्लिम और विकसित देशों में पहले से ही यूसीसी लागू है।
इस कानून द्वारा सभी लोगों के लिए विवाह, विवाह विच्छेद, उत्तराधिकार के नियमों को समान किया गया है। सभी धर्म के लोग अपने अपने रीति रिवाजों से विवाह कर सकते हैं।
– सभी धर्मों में लड़कों के लिए विवाह की न्यूनतम उम्र 21 और लड़कियों के लिए 18 कर दी गई है। साथ ही पति या पत्नी के रहते दूसरे विवाह को प्रतिबंध किया गया है।
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27 मार्च 2010 के बाद हुए विवाहों का पंजीकरण पहले से किया गया हो, तो सिर्फ सूचना देना पर्याप्त होगा।
-विवाह पंजीकरण के लिए ऑनलाइन और कॉमन सर्विस सेंटर (CSC) के माध्यम से आवेदन की सुविधा होगी ।
वहीं सब-रजिस्ट्रार को आवेदन के 15 दिनों के भीतर निर्णय करना होगा।
-बहुविवाह, बहुपतित्व, हलाला, इद्दत और तीन तलाक जैसी परंपराएँ अमान्य होंगी।
– समान नागरिक संहिता में बाल अधिकारों को संरक्षित किया गया है, साथ ही बेटियों को सम्पति में समान अधिकार दिए गए हैं। मृतक की सम्पत्ति में पत्नी, बच्चे और माता-पिता को समान अधिकार दिए गए हैं।
-लिव इन के लिए पंजीकरण अनिवार्य किया गया है, युगल की सूचना रजिस्ट्रार माता-पिता या अभिभावक को देगा। यह जानकारी पूरी तरह गोपनीय रहेगी।
– लिव इन से पैदा बच्चों को भी समान अधिकार दिए गए हैं, यदि लिव इन से महिला गर्भवती हो जाती है तो रजिस्ट्रार को अनिवार्य तौर पर सूचना देनी होगी, बच्चे के जन्म के 30 दिन के भीतर इसे अपडेट करना होगा ।
-एक या दोनों साथी आनलाइन या ऑफलाइन तरीके से लिव इन समाप्त कर सकते हैं, यदि एक ही साथी आवेदन करता है तो रजिस्ट्रार दूसरे की पुष्टि के आधार पर ही इसे स्वीकार करेगा।
सरलीकरण के लिये ऑनलाइन पंजीकरण की व्यवस्था की गई है ।
-वसीयत तीन तरह से हो सकेगी, पोर्टल पर फार्म भरके, हस्तलिखित या टाइप्ड वसीयड अपलोड करके या तीन मिनट की विडियो में वसीयत बोलकर अपलोड करने के जरिए ।
कब हुई UCC बिल पर शुरुआत :-
यूसीसी के लिए मुख्यमंत्री धामी ने 27 मई 2022 को विशेषज्ञ समिति का गठन किया था, समिति ने अपनी रिपोर्ट 2 फरवरी 2024 को सरकार को सौंपी ।
जिसके बाद 8 मार्च 2024 को विधानसभा में विधेयक पारित किया गया। विधानसभा से विधेयक पारित होने के बाद इसे राष्ट्रपति के अनुमोदन के लिए भेजा गया, जहां से 12 मार्च 2024 को इसे राष्ट्रपति मुर्मू ने हरी झंडी दिखाई।
20 जनवरी2025 को यूसीसी की नियामवली को धामी कैबिनेट से मंजूरी मिली।
देखना होगा कि अब भारत मे UCC का क्या प्रभाव होगा , दुनिया कई देशों में UCC लागू किया गया है । इस लिस्ट में अमेरिका, आयरलैंड, बांग्लादेश, मलेशिया, तुर्किये, इंडोनेशिया, सूडान, मिस्र, जैसे कई देश शामिल है ।