देहरादून : 10जुलाई 2024 को दिल्ली में केदारनाथ धाम मंदिर ट्रस्ट नामक एक संस्था के द्वारा एक उद्धघाटन समारोह रखा था। जिसका भूमि पूजन मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने किया । उक्त कार्यक्रम में केदारनाथ से लाया गया एक पत्थर भी रखा गया था ।
जिसके बाद से उत्तराखंड में जगह जगह लोगों ने विरोध जताया ।
रूद्रप्रयाग जिले में केदारनाथ मंदिर परिसर में तीर्थ पुरोहितों, साधु-संतों और स्थानीय व्यावसायियों ने इस मुद्दे को लेकर आंदोलन किया ।
इस दौरान उन्होंने डमरू की थाप पर राज्य सरकार के खिलाफ नारेबाजी की ।
वहीं शोषलमीडिया पर भी दिल्ली में बन रहे केदारनाथ मंदिर और ट्रस्ट के द्वारा जारी किये गये क्यूआर कोड को ले कर भी जबरदस्त विरोध दिख रहा था ।

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शोषलमीडिया पर एक पेपर भी तेजी से वायरल हो रहा है जिसमे केदारनाथ धाम ट्रस्ट के ट्रस्टी बनने का ऑफर के साथ साथ सम्पूर्ण प्लान जारी किया गया है ।
भारी विरोध को देख कर सरकार को भी हस्तक्षेप करना पड़ा जिसको ले कर 16 जुलाई को दिल्ली के बुराड़ी में बन केदारनाथ धाम दिल्ली ट्रस्ट के संस्थापक सुरेंद्र रौतेला और कुछ लोग देहरादून पहुँचे और प्रेस क्लब में एक प्रेसवार्ता की , भारी हंगामे और विरोध के बाबजूद सुरेंद्र गैरोला
ने कहा कि अगर दिल्ली में बनने वाले मंदिर का नाम केदारनाथ मंदिर रखने से भावनाएं आहत हो रही हैं तो ट्रस्ट मंदिर का नाम बदल देगा । गैरोला ने आगे कहा कि मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी धर्म के रक्षक हैं, इसलिए उन्हें मंदिर के शिलान्यास के कार्यक्रम में बुलाया गया था। मुख्यमंत्री धामी का मंदिर ट्रस्ट से कोई लेना-देना नहीं है।

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