उत्तराखण्ड स्टूडेंट्स फेडरेशन ने नीट की परीक्षा में हुई धांधली के खिलाफ परीक्षा कराने वाली संस्था एनटीए के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है । देहरादून स्थित प्रेस क्लब में हुई वार्ता में यूएसएफ पदाधिकारियों ने नीट का एग्जाम दोबारा करने की मांग की । यूएसएफ के अध्यक्ष लूशुन टोडरिया ने कहा कि नीट परीक्षा में हुई धांधली भारत के इतिहास हुए बहुत बड़े भर्ती घोटालों में से एक है । टोडरिया ने कहा कि प्रश्न पत्र छपने से लेकर रिज़ल्ट आने तक हर स्तर में धांधली हुई । यहाँ तक कि इस वर्ष रिजल्ट में 67 छात्र ऐसे है जिनको 720 में से 720 में से अंक आए जबकि नीट के इतिहास में 4 से ज्यादा अभ्यर्थियों के कभी पूरे अंक नही आए । टोडरिया ने कहा कि उत्तराखण्ड के पर्वतीय क्षेत्रों में स्वास्थ्य सुविधाएं वैसे ही चरमरा रखी है और अगर नीट परीक्षा द्वारा पैसे देने वाले अभ्यर्थियों का चयन होता है तो स्वास्थ्य सुविधाओं का पतन निश्चित है ।
मीडिया प्रभारी प्रांजल नौडियाल का कहना है नीट परीक्षा के हर स्तर पर हुई धांधली के पर्याप्त सबूत मिल रहे है जैसे कि पटना पुलिस द्वारा दर्ज एफआईआर में अभियुक्तों के बयान,गोधरा न्यायालय द्वारा टिप्पणी,वडोदरा के कोचिंग सेंटर से मिले ब्लेंक भरे हुए चेक और अभ्यर्थियों द्वारा दिये गए बयान की किस तरह पूरी रात पेपर रटाने के बाद सुबह हूबहू प्रश्नपत्र मिलना । नौडियाल ने कहा हमारे जैसे छोटे प्रदेशो के छात्रों के भविष्य और आने वाले समय मे लोगों के स्वास्थ के साथ यह खिलवाड़ बर्दाश्त नही किया जाएगा ।
बी वाइज क्लासेस के शिक्षक नितिन उपाध्याय ने कहा कि पिछली बार 615 अंक लाने वाले छात्रों की संख्या 22,000 थी परंतु इस बार 615 अंक लाने वाला की संख्या 65000 है । इतनी बड़ी संख्या में एक अंक लाना एनटीए द्वारा आयोजित परीक्षा की पारदर्शिता पर प्रश्नचिह्न लगाता है ।
नीट अभ्यर्थी आदित्य पँवार ने कहा कि उसका यह तीसरा वर्ष है जब उसने यह परीक्षा दी,परन्तु अब इस परीक्षा में इतनी बड़ी धांधली होने के बाद मनोबल पूरी तरह से टूट चुका है । पँवार ने कहा कि अब पारदर्शिता से दोबारा परीक्षा होना ही एक मात्र विकल्प है ।
समाजिक कार्यकर्ता प्रमोद काला ने कहा कि उत्तराखण्ड का छात्र वैसे ही भर्ती घोटालों से त्रस्त है और उसके ऊपर एक और बड़ा घोटाला होना राज्य के युवाओं के मनोबल को तोड़ देगा । केंद्र सरकार और जांच एजेंसियों को इस पूरे प्रकरण की जाँच करनी चाहिए और दोषियों को कड़ी से कड़ी सजा देनी चाहिए ।
छात्र नेता आयुष ध्यानी ने कहा कि चुनाव नतीजों के दिन नीट का रिजल्ट घोषित करना एनटिए की भूमिका पर बड़ा सवाल खड़ा करता है जबकि रिजल्ट घोषणा की तारीख 14 जून थी । अगर यह परीक्षा दोबारा नही हुई तो छात्रों के साथ मिलकर प्रदेश के छात्रों को लामबंद कर के आंदोलन किया जाएगा ।