इंटरनेट की दुनिया में जहाँ हर चीज में सुविधा प्रदान की जाती है वहीं ठगों ने भी इंटरनेट को ठगी का सबसे बड़ा हथियार बना लिया है ।

– देहरादून निवासी पीड़ित व्यक्ति ने रिपोर्ट दर्ज करवायी की उनके टेलीग्राम में एक ऑनलाईन ट्रैडिंग बिजनेस का विज्ञापन आया , जिसके लिंक पर क्लिक कर वे अज्ञात वाट्सअप ग्रुप से जुड गये , जहाँ उनको एक और लिंक मिला जिसको इन्वेस्टमेंट ग्रुप बताया गया ।
उस ग्रुप में पूर्व से जुडे लोगों द्वारा प्रॉफिट की धनराशि के स्क्रीनशॉट शेयर किये जाते थे ।जिससे पीड़ित व्यक्ति प्रभावित हो गये और ठगों के जाल मे फसते गये , और ठगों के दिये बैंक खातो में लगभग 23 लाख रुपये की धनराशी जमा कर दी ।

– साईबर क्राईम पुलिस द्वारा घटना में प्रयुक्त बैंक खातों/ रजिस्टर्ड मोबाइल नम्बरों / वाट्सअप की जानकारी हेतु सम्बन्धित बैंकों, सर्विस प्रदाता कम्पनी, मेटा कम्पनियों से डेटा प्राप्त किया गया । प्राप्त डेटा के विश्लेषण से जानकारी मे आया कि साईबर अपराधियो द्वारा घटना में पीड़ित से अन्य व्यक्तियों के खातों (कमीशन बेस्ड खाते) का प्रयोग कर धोखाधडी की गयी धनराशि प्राप्त किये जाने हेतु प्रयोग करते थे ।

-पुलिस टीम द्वारा तकनीकी / डिजिटल साक्ष्य एकत्र कर घटना की दो अभियुक्तो
1- पुष्पा बारापत्रे पुत्री हीरामन बारापात्रे निवासी-गीडोबा मंदिर थाना बाट्ठोडा जिला नागपुर,
2-यदम्मा सुल्तान पत्नी रामलु सुल्तान निवासी-गणेश अपार्टमेंट दिघोरी
को चिन्ह्ति कर तलाश जारी रखी ।
– महिला अभियुक्ता भारत से बाहर विदेशी साईबर अपराधियों के लगातार सम्पर्क में थी
जिसमे एक अभियुक्ता यदम्मू सुल्तान का पुत्र राजू सुल्तान फिलिपींस में रहता है ,जो कि इस गिरोह का मास्टरमाइंड है।

-इस केस के दौरान पुलिस टीम को पता लगा कि
“दोनों महिला अभियुक्ता के द्वारा आयुष्मान कार्ड बनवाने के नाम पर लोगों के बायोमेट्रिक लेकर उससे सिम एक्टिवेट करवाकर राजू सुल्तान को कोरियर के माध्यम से फिलीपींस भेजे जाते थे, जिसकी एवज में एक मोटी धनराशि दोनों महिला अभियुक्ता को भेजी जाती थी।

-इनमें से एक महिला के पास घटना में प्रयुक्त मोबाइल फोन
मिला जिसमें कई बैंक खाते, काफी मात्रा में सिम कार्ड की फ़ोटो व दस्तावेज आदि बरामद हुये है ।
अभियुक्तों के वाट्सअप के माध्यम से अन्य साईबर अपराधियो से सम्पर्क में होने के साक्ष्य प्राप्त हुये है ।
दोनों आरोपी महिलाओं के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की गई है|
-अभियुक्तगणों ने ये भी बताया कि इस कार्य हेतु अन्य लोगों के चालू खाते खुलवाकर स्वयं इन्टरनेट बैंकिंग एक्टिव कराकर, इन्टरनेट किट प्राप्त कर लॉग-इन आडी पासवर्ड क्रिएट कर (कमीशन बेस्ड खातों) का प्रयोग कर अपराध किया जाता है ।
-यहां अपराधि यह भी विशेष रुप से ध्यान देते थे, कि इन खातों की विड्राल लिमिट कितनी है अधिक लिमिट वाले खाते इनकी प्रार्थमिकता में होते थे ।

-इस शातिर महिला ने ये भी बताया कि इसके द्वारा अभी तक 4 से 5 हजार सिम कार्ड राजू सुल्तान को फिलीपींस भेजे गए हैं।
उसने कई लोगों के बायोमेट्रिक लेकर कई हजार सिम कार्ड एक्टिवेट किये हैं।
बैंक खातो में लिंक मोबाइल नम्बर उसी के द्वारा राजू सुल्तान को उपलब्ध कराए जाते थे।

– दोनों महिला अभियुक्ता के बैंक खातों के बैंक स्टेटमैन्ट में लाखों रुपये के लेनदेन किया जाना पाया गया है । जाँच में यह भी प्रकाश में आया है कि इन महिला अभियुक्ता के द्वारा एक्टिवेट किये गए मोबाइल नम्बरों के विरुद्ध देश के कई राज्यों में साईबर अपराधों की शिकायतें दर्ज है ।

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