देहरादून :खाकी और रिश्वत किस्से नये नहीं है ,लेकिन वक़्त की बात होती है कि किसीके किस्से छप जाते है ,किसीके किस्से छुप जाते है ।
यहीं हुआ देहरादून पुलिस के चर्चित चेहरे उपनिरीक्षक देवेश खुशगाल के साथ ,कभी देहरादून पुलिस के आंखों का तारे देवेंद्र इस वक्त आईएसबीटी चौकी प्रभारी है ।जिनको कल सतर्कता अधिष्ठान (विजिलेंस) की टीम ने 1,00,000 रुपये की रिश्वत लेते हुए रंगे हाथ गिरफ्तार किया।
मामले में शिकायत कर्ता व उनके दोस्त और तीन अन्य लोगों के खिलाफ जावेद नामक व्यक्ति(बजांरावाला) देहरादून में भूमि विवाद को लेकर एक शिकायत दर्ज कराई थी।
इस प्रकरण की जांच चौकी प्रभारी देवेश खुगशाल को सौंपी गई थी,आरोप है कि खुगशाल ने मामले में गैंगस्टर एक्ट लगाने और गिरफ्तारी की धमकी देते हुए जांच से नाम हटाने के बदले 5 लाख रुपये की रिश्वत मांगी।
बताया गया कि शिकायतकर्ता रिश्वत नहीं देना चाहते थे और उन्होंने सतर्कता अधिष्ठान से मामले की निष्पक्ष जांच की मांग की।
सतर्कता अधिष्ठान ने शिकायत को गंभीरता से लेते हुए प्राथमिक जांच की, जिसमें आरोप प्रथम दृष्टया सत्य पाए गए। तत्पश्चात एक ट्रैप टीम गठित कर नियमानुसार कार्रवाई की गई। आज, दिनांक 14 मई 2025 को टीम ने योजनाबद्ध तरीके से देवेंद्र खुगशाल को शिकायतकर्ता से 1 लाख रुपये की रिश्वत लेते हुए रंगे हाथ गिरफ्तार कर लिया। फिलहाल आरोपी से पूछताछ जारी है।
उसके खिलाफ भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम के तहत मुकदमा दर्ज कर लिया गया है और विस्तृत जांच शुरू कर दी गई है।
बताया जा रहा है कि उनके बैंक लॉकर,संपति की भी जांच की जा रही है।
सतर्कता निदेशक डॉ. वी. मुरूगेसन ने सफल ट्रैप ऑपरेशन को अंजाम देने वाली टीम को नकद पुरस्कार देने की घोषणा की है। वहीं सतर्कता अधिष्ठान ने आम जनता से अपील की है कि यदि कोई सरकारी अधिकारी या कर्मचारी अपने पद का दुरुपयोग करते हुए रिश्वत की मांग करता है, या अवैध संपत्ति अर्जित करता है, तो नागरिक बेझिझक इसकी सूचना दें। इसके लिए टोल फ्री हेल्पलाइन नंबर 1064 और WhatsApp हेल्पलाइन नंबर 9456592300 जारी किया गया है।
वहीँ प्रभारी निरीक्षक थाना पटेलनगर की रिपोर्ट के आधार पर उप निरीक्षक देवेश खुगशाल को वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक देहरादून द्वारा तत्काल प्रभाव से निलंबित किया गया।
हालांकि जबसे ये खबर बाहर आयी है तबसे लोग खूब चटकारो के साथ खाकी पर इल्जाम लगा रहे है ।
क्योंकि हमेशा से पुलिस विभाग पर रिश्वत ले कर कार्य करने, आम जनता के मामलों में टालमटोल करने जैसे इल्जाम लगते आरहे है ।ऐसे में जनता अपनी भावनाओं को खुल कर व्यक्त कर रही है । वहीं सोशलमीडिया पर विभाग पर उंगली उठाने वालों से पुलिस पोस्ट डिलीट करवाती नजर आयी ।