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रुद्रप्रयाग (उत्तराखंड) : थोड़ा सा लालच और बिना सोचे समझे लिया गया फैसला भविष्य के लिये कितना खतरनाक होता है ये बात शायद ही रुद्रप्रयाग जनपद के ग्रामीण समझे होंगे ।
ताजा घटना – शनिवार 25मई 2024 को पूजा देवी पत्नी श्री राकेश सिंह, निवासीः- घोलतीर, रुद्रप्रयाग हमेशा की तरह जंगल मे पशुओं के लिये चारे की व्यवस्था करने गयी थी । क्योंकि इस साल ज्यादा जंगलो में आग लगने के कारण घास और सुखी लकड़ी की समस्या भी ग्रामीणों को झेलनी पड़ रही है ।
ऐशे में पूजा एक छोटे चीड़ के पेड़ की टहनियां लकड़ी के लिये काटने जाती है जो कि पास ही गुजरती हाईटेंशन लाईन से जुड़ा था , उसकी चपेट में आने से पूजा वहीं सेकेंडो में भस्म हो जाती है ,और पेड़ में शव अटक जाता है । फायर स्टेशन रतूड़ा द्वारा SDRF को सूचित किया गया ,जिस पर SDRF ने पहुँच शव को पेड़ से निकाला ।

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खबर सिर्फ एक मौत की ही अखबारों की लाइने हो , परन्तु इस बात से मुँह नहीं मोड़ा जा सकता कि चमोली रुद्रप्रयाग के कई ग्रामीण इलाकों से जोशीमठ से ऋषिकेश विष्णुगाड़ परियोजना की हाईटेंशन लाइनें भी बीच ग्रामीण क्षेत्रों से ले कर आगे बढ़ाई गयी है ।
जिससे ग्रामीणों को कई प्रकार की समस्याओं का सामना करना पड़ता है ,कई क्षेत्रों में बिल्कुल घरों के ऊपर से ये लाईन जाती है जहां अक्सर लोग सर झनझनाने की बात करते है , बरसात के मौसम में पैरों में करेंट, घास काटते समय शरीर मे ऊपर की और खिंचाव की शिकायत भी ग्रामीण महिलाएं कई समय से करती आरही है । साथ ही अजन्मे बच्चों में शारिरिक विकार और जन्मे बच्चों के मानसिक विकास भी इन हाईटेंशन लाइनों से प्रभावित हो रही है ।
एक तो इस हाईटेंशन लाईन की ऊँचाई बहुत कम है , दूसरा घने पेड़ पौधों और आबादी के मध्य भी इसके पोल है जो कि बहुत कच्चे पुस्तों में खड़े है । चंद लालची लोगों ने कुछ पैसो के लिये बिना किसी सुरक्षा जांच के ये लाइनें बिछा दी गयी है। क्या अभी भी शाशन प्रशासन किसी बड़ी दुर्घटना के इतंजार में है या वक्त रहते इन लाइनों की दुबारा जांच की जाती है ।

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