देहरादून पुलिस मुख्यालय : 8 अक्टूबर 2022 तो याद ही होगा आपको जब 7 साल बाद 2015 सब इंस्पेक्टर भर्ती घोटाले की जांच के आदेश दिये गये ,जबकि इस भर्ती पर 2015 से ही सवाल उठाये जा रहे थे ।
जनवरी 2023 में इनमें संधिग्द 20 दरोगाओं को निलंबित किया गया था । अभी पिछले ही महीने जब विजलेंस ने शाशन को अपनी जांच रिपोर्ट सौंपी तो रिपोर्ट में 33 प्रतिशत दरोगाओं को अयोग्य बताया गया था ।
ऐशे में सवाल उठता है कि अगर 33 फीसदी दरोगा अयोग्य थे तो बहाली के आदेश कैसे??
तो बता दे कि इन दरोगाओं को अभी भी क्लीन चिट नहीं मिली है अपितु निलंबित होने के लगभग एक साल होने के कारण बहाल किया गया है।
जांच चलती रहेगी और दोषी पाये जाने पर दरोगा को बर्खास्त कर दिया जायेगा ।
एडीजी प्रशासन अमित सिंहा ने सभी जिलों के कप्तानों को पत्र लिखकर सभी दरोगाओं को बहाल करने के निर्देश दिए हैं और साथ ही सभी दरोगाओं को विजलेंस की जांच में सहयोग करने के लिए भी कहा है।
फिलहाल इन सभी 20 दरोगाओं को राहत जरूर मिली है लेकिन विजलेंस की रिपोर्ट पर शासन बड़ी कार्रवाई कर सकता है।अब देखना होगा कि विजलेंस की रिपोर्ट पर कार्यवाही होती या नहीं ।
20 दरोगाओं में से पौड़ी में तैनात दरोगा पुष्पेंद्र की सड़क हादसे में मौत हो चुकी है। बाकी 19 निलंबित हो बहाल हुए दरोगा ये है

: ओमवीर सिंह, प्रवेश रावत, राज नारायण व्यास, जैनेंद्र राणा व निखिलेश बिष्ट।
ऊधमसिंहनगर : दीपक कौशिक, अर्जुन सिंह, बीना पपोला, जगत सिंह शाही, हरीश महर, लोकेश व संतोषी।
नैनीताल : नीरज चौहान, आरती पोखरियाल नैनीताल (अभिसूचना), प्रेमा कोरमा व भावना बिष्ट।
पौड़ी : पुष्पेंद्र (पिछले साल सड़क हादसे में मृत्यु हो चुकी)।
चमोली : गगन मैठाणी।
चंपावत : तेज कुमार।
एसडीआरएफ : मोहित सिंह रौथाण।

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