नैनिताल भीमताल- जहां एक तरफ विकास की बहार चलाई जा रही है वहीं कुछ आंकड़े हैं जो विकास की पोल खोलते हुए नजर आते है ,आजादी के सालों बीत जाने के बाद भी नैनीताल के नजदीक माने जाने वाले भीमताल धारी ब्लॉक के ग्राम सभा बबियाड के तोक बिरसिंग्याॅ जो मुख्य सड़क से 5 किलोमीटर दूरी पर एक अनुसूचित जाति बहुमूल्य क्षेत्र है, आज भी सड़क हेतु संघर्ष कर रहा है ।
ऐशा नहीं है कि यहाँ के ग्रामीणों ने सड़क हेतु प्रयास नहीं किया ,हर जनप्रतिनिधि के दरवाजे ग्रामीण अपनी मांग हेतु गये है ।परंतु इन जन प्रतिनिधियों द्वारा ग्रामीणों को सिर्फ झूठा आश्वासन दिया जाता रहा । सरकारें बदलती है ,अधिकारी बदलते है लेकिन इन ग्रामीणों की समस्या नहीं बदली ।
चुनाव के समय में प्रतिनिधियों द्वारा सड़क का सर्वे भी करवा जाता रहा , लेकिन हर बार चुनाव जीतने के बाद स्थिति वो ही रहती है ।
यहाँ पर बसे परिवारों की आजीविका का साधन कृषि है ,सड़क ना होने के कारण बाजारों तक पहुँच नहीं है ,जिस कारण अनाज बर्बाद होता है ।
ननिहालो के स्कूल दूर जंगल के रास्ते होने की वजह से यहां के बालिकाओं को सम्पूर्ण शिक्षा नहीं मिल पाती,
गर्भवती महिलाओं को प्रसव के समय अपनी जान हथेली में रखकर लकड़ी के डोली में मुख्य सड़क तक पहुंचाया जाता है । 21वी सदी में ये स्थिति होने के बाबजूद भी सरकार खामोश है ।
ग्रामीणों द्वारा बताया गया कि सड़क हेतु वन विभाग को 63 लाख की धनराशि जमा करवानी है । जो राशि सरकार ने
जमा करवाने की जहमत नहीं की , ना ही किसी जिमेदार व्यक्ति ने उस ओर ध्यान दिया ।
हालाँकि भीमताल विधायक राम सिंह कैड़ा ने अपनी विधायक निधि से ग्रामीणों के लिए 2 किलोमीटर सड़क का निर्माण कार्य करवाने का प्रयास किया था लेकिन वन विभाग द्वारा कार्य रोक दिया गया है।
शासन प्रशासन की उपेक्षा पूर्ण रवैया से ग्रामीणों में निराश बनी हुई है, वह अपने को ठगा महसूस कर रहे हैं। कुछ वर्ष पहले जिलाधिकारी नैनीताल सविन बंसल के द्वारा गाँव में एकदिवसीय कैम्प लगाया गया था, जिसमें ग्रामीणों की एक ही मांग की थी कि उंनको भी मुख्य सड़क
से जोड़ा जाए । जिस पर जिलाधिकारी ने सड़क जिला योजना से केंद्र सरकार में भी डाल दी गयी थी परंतु फिर भी हालत वो ही बने है ।

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