नैनीताल।
फर्जी बीएमएस डिग्री मामले में सीबीआई जांच को ले कर हाईकोर्ट ने उत्तराखंड सरकार से मांगा जबाब । जबाब के लिये दिया 10 दिन का समय ।
बृहस्पतिवार को मध्य प्रदेश के भोपाल निवासी सत्येंद्र मिश्रा की जनहित उस याचिका में सुनवाई हुई जिसमें आरोप लगाया गया था कि इंडियन मेडिकल काउंसिल के पूर्व अध्यक्ष डी कुमार शर्मा ने अपनी 12वीं कक्षा की फर्जी मार्कशीट के आधार पर काउंसिल के अध्यक्ष का पद 2018 में प्राप्त किया। वह 2021 तक इस पद पर बने रहे।
आरोप यह भी है कि इस दौरान इमलाल खान के साथ मिलकर हजारों फर्जी बीएमसी की डिग्री का आठ से दस लाख रुपए में सौदा हुआ।
गलत तरीके से बीएमएस डिग्री प्राप्त डॉक्टरों ने कोविड काल के दौरान उत्तराखंड के लोगों का गलत उपचार किया जिससे कई रोगियों की मौत हो गई।
याचिकाकर्ता के अधिवक्ता डॉ. प्रशांत पाठक और शुभांगी पांडे ने कोर्ट को बताया कि फर्जी बीएमसी प्रकरण के लिए गठित की गई एसआईटी की ओर से प्रकरण में मुख्य आरोपी पूर्व अध्यक्ष को अवैधानिक रूप से संरक्षण दिया जा रहा है उनका कहना है कि पूर्व चेयरमैन ने जिला न्यायालय देहरादून में फर्जी आवेदन पत्र लगाकर अग्रिम जमानत प्राप्त कर ली है। जबकि इसी अपराध के लिए उसकी अग्रिम जमानत नैनीताल हाई कोर्ट एवं सुप्रीम कोर्ट पहले ही खारिज कर चुकी थी । सरकारी अधिवक्ता की ओर से जवाब दाखिल करने के लिए कोर्ट से समय मांगा गया। अब खंडपीठ ने इस मामले में 10 दिनों के भीतर जवाब पेश करने के निर्देश दिए हैं। आगामी
सुनवाई 11 मार्च मुख्य न्यायाधीश न्यायमूर्ति ऋतु बाहरी की अध्यक्षता वाली खंडपीठ के समक्ष होगी ।

Spread the love

You missed

error: Content is protected !!