जनपद नैनीताल : उत्तराखंड में चल रहे 38वें राष्ट्रीय खेलो का समापन हो गया है ।
14फरवरी को अन्तरराष्ट्रीय स्पोर्ट्स स्टेडियम गौलापार, हल्द्वानी में 38वें राष्ट्रीय खेल का समापन समारोह आयोजित किया गया,
जिसमे केन्द्रीय गृह मंत्री अमित शाह और मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी की उपस्थिति रहे ।
भारतीय ओलंपिक संघ की अध्यक्ष डॉ पी.टी. ऊषा ने 38वें राष्ट्रीय खेल के समापन की घोषणा की।
इस अवसर पर केन्द्रीय गृह मंत्री ने प्रथम तीन स्थान प्राप्त करने वाले सर्विसेज, महाराष्ट्र और हरियाणा को सम्मानित किया।
केंद्रीय गृह मंत्री ने उत्तराखण्ड के चारों धामों के देवी देवताओं को प्रणाम करते हुए कहा ” कि मुख्यमंत्री धामी द्वारा उत्तराखण्ड के हर जिले में खेल इंफ्रास्ट्रक्चर तैयार किया गया है, उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री ने देवभूमि को राष्ट्रीय खेलों के नक्शे पर 25वें स्थान से 7वें स्थान पर लाने का कार्य किया है।
राष्ट्रीय खेलों में उत्तराखण्ड के विजेता खिलाड़ियों ने देवभूमि को खेल भूमि बनाया है। केंद्रीय गृह मंत्री ने उत्तराखण्ड के सभी विजेता खिलाड़ियों को शुभकामनाएं देकर उनके उज्ज्वल भविष्य की कामना की।
केंद्रीय गृह मंत्री ने उत्तराखण्ड की आयोजन समिति एवं खेल संगठनों की पीठ थपथपाते हुए कहा कि राष्ट्रीय खेलों के आयोजन के लिए पूरे देश में उत्तराखण्ड की तारीफ हो रही है।
केंद्रीय गृह मंत्री ने ये भी बताया कि मुख्यमंत्री धामी के नेतृत्व में 38वें राष्ट्रीय खेलों में इको- फ्रेंडली प्रैक्टिसेज एवं इको फ्रेंडली गेम को धरातल में उतारा गया , खिलाड़ियों के नाम पर पौधारोपण किया गया।
राष्ट्रीय खेलों की यह मशाल उत्तराखण्ड से अब मेघालय जाएगी क्योंकि मेघालय के मुख्यमंत्री संगमा के निर्णय अनुसार नॉर्थ ईस्ट के सभी राज्यों में कुछ खेलों के आयोजन से पूरे नॉर्थ ईस्ट को खेल के क्षेत्र में आगे बढ़ाएंगे।
कार्यक्रम में पूर्व केन्द्रीय मंत्री स्व. सुषमा स्वराज एवं पुलवामा में शहीद सैनिकों को श्रद्धांजलि दी गयी ।
वहीं मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा ” 38वें राष्ट्रीय खेलों के शुभारंभ के अवसर पर हमें देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी का आशीर्वाद प्राप्त हुआ था। आज इन खेलों के समापन के अवसर पर हमें देश के गृहमंत्री अमित शाह जी का सानिध्य प्राप्त हो रहा है। उन्होंने कहा कि राज्य स्थापना के रजत जयंती वर्ष में उत्तराखण्ड में पहली बार राष्ट्रीय खेलों का आयोजन हुआ। खेलों के इस महा समागम में देशभर से पधारे 16 हजार से अधिक एथलीट्स ने 35 खेल विधाओं में प्रतिभाग कर कुल 448 स्वर्ण, 448 रजत तथा 594 कांस्य पदक जीते।
मुख्यमंत्री के अनुसार कई खिलाड़ियों द्वारा राष्ट्रीय स्तर पर अनेक रिकॉर्ड स्थापित किए गए और भविष्य में भारत का प्रतिनिधित्व करने की क्षमता रखने वाले बहुत से चैंपियन भी उभर कर सामने आए हैं। इन खेलों में जहां हमने पहली बार योग और मलखंब जैसे अपने पारंपरिक खेलों को शामिल करने का कार्य किया, वहीं रात्रि काल में रिवर राफ़्टिंग की प्रतियोगिता का आयोजन कर विश्व रिकॉर्ड भी बनाया है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि उत्तराखण्ड में राष्ट्रीय खेलों को ग्रीन गेम्स की थीम पर आयोजित किया गया। इस आयोजन में प्लास्टिक का उपयोग कम से कम करने के साथ ही बिजली के लिए सोलर एनर्जी का उपयोग भी किया। खिलाड़ियों को दिए गए मेडल को ई-वेस्ट और खेल किटों को रीसाइकिल्ड पदार्थों से तैयार किया गया। ट्रांसपोर्टेशन के लिए ई-वाहनों का प्रयोग भी किया गया। 2.77 हेक्टेयर वन क्षेत्र को ’खेल वन’ के रूप में स्थापित करने का निर्णय लिया गया, जिसमें प्रत्येक पदक विजेता खिलाड़ी के नाम से रूद्राक्ष के पौधे लगाए जाएंगे।
उत्तराखण्ड ने इन खेलों में 24 स्वर्ण पदकों के साथ रिकॉर्ड 103 पदक अर्जित किए।
38वे राष्ट्रीय खेलों के आयोजन में भारतीय ओलंपिक संघ, उत्तराखंड ओलंपिक एसोसिएशन, खेल विभाग और कई वॉलेंटियर्स शामिल रहे ।
केंद्रीय खेल एवं युवा मामलों के मंत्री मनसुख मांडविया , मेघालय के मुख्यमंत्री कॉनराड संगमा, केंद्रीय राज्य मंत्री अजय टम्टा, राज्यसभा सांसद महेन्द्र भट्ट, सांसद अजय भट्ट उपस्थित रहे।