प्राप्त सूचना के अनुसार मामला 2022 में दर्ज किया गया था जिसमें पुणे के एक व्यापारी जितेंद्र ने दिव्या रावत और उसके भाई के खिलाफ धोखाधड़ी और झूठा मुकदमा लगाकर ब्लैकमेल करने का प्रयास का मामला दर्ज करवाया था । स्थित परामर्श फर्म के मालिक जितेंद्र नंदकिशोर भाखड़ा ने 27 दिसंबर 2022 को पुणे ग्रामीण के थाना पौंड में दिव्या रावत और उसके भाई के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराया था। भाखड़ा का कहना था कि वह 2019 में अपनी फर्म के लिए कोई काम देख रहे थे। इस दौरान उनका संपर्क दिव्या रावत से हुआ। दिव्या रावत ने कहा था कि वह अपने भाई राजपाल के साथ मिलकर कॉर्डिसेस फिटनेस के नाम से एक प्रोडक्ट शुरू करने जा रही है। जिसमें कि उनके द्वारा सहमति जताने के बाद एक करोड़ का काम कर दिया गया था और दिव्या रावत ने अपनी पहुंचे और धमक का फायदा उठाकर 57 लाख देने की बात कही ना मानने पर धमकाया और मारपीट भी की। उसके बाद वह वापस आ गए और उन्हें अक्टूबर 2022 में पता चलता है कि दिव्या रावत और उसके भाई ने उनके ऊपर फर्जी दस्तावेज तैयार कर मुकदमा दर्ज करवाया है ।जिस पर उन्होंने भी अपनी तरफ से मुकदमा दर्ज किया । जांच में स्पष्ट हुआ कि धोखाधड़ी दिव्या के साथ नहीं अपितु जितेंद्र के साथ हुई है । उक्त मामले को खत्म करने के लिए दिव्या रावत और उसका भाई 30 लाख रुपए की मांग कर रहे थे जिस पर की 10 लाख की सहमति बनी, उसी पैसे को लेने के लिये उंनको पुणे बुलाया गया जहाँ पुलिस के द्वारा उनको गिरफ्तार कर लिया गया।
दिव्या रावत का मुकदमा अक्टूबर 2022 का दर्ज है जिसमें उन्होंने जितेंद्र और उनके परिवार के चार अन्य सदस्यों को आरोपी बनाया था , जिसको की उत्तराखंड के अखबारों और न्यूज़ चैनलों ने बढ़ चढ़कर दिखाया भी था शीर्षक था ” मशरूम गर्ल दिव्या रावत और उसके भाई के साथ हुई 77लाख की धोखाधड़ी “। अब यह देखना होगा कि इस मामले में उत्तराखंड सरकार क्या करती है और दिव्या रावत और उसका भाई कितने गहराई तक फंसते है ।