उत्तराखंड : 10 मई से शुरू हुई चारधाम यात्रा इस वर्ष भी पिछले सालों के रिकॉर्ड तोड़ती नजर आरही है ।लेकिन इस साल शुरुआत से ही चारधाम यात्रा पर स्थानीय लोगों की नाराजगी सामने आरही है ।
जहाँ एक ओर केदारनाथ जैसे मंदिर जो कि सेंसटिव जोन के अंतर्गत आने वाले प्राकृतिक क्षेत्र में बाहरी राज्यो से आये विभिन्न प्रकार के बैंडो जो कि कानफोड़ू संगीत बजा रहे थे उन पर विभिन्न माध्यमों से स्थानीय जागरूक नागरिकों द्वारा विरोध दर्ज करवाया गया ।साथ ही मंदिर परिसर के पुजारी द्वारा भी समुख आकर विरोध जताया गया ।
वहीं यमुनोत्री गंगोत्री में भी 5दिनों में रिकॉर्डतोड़ भीड़ को देखते हुए उत्तरकाशी प्रशासन को भी काफी मकसद करनी पड़ी ।
इन्ही सभी समस्या और चारों धामो में पंजीकृत संख्या से दोगुने भीड़ पंहुचने के संबंध में आज मुख्य सचिव राधा रतूड़ी ने बयान दिया है कि अभी तक राज्य में चारधाम यात्रा के सम्बंध में जो छूट मिल रही थी उसको ले कर सभी जिलों में अब नियम सख्त कर दिये गये है । जिसके सम्बंध में देश के अन्य राज्यो के मुख्य सचिवों को भी पत्र लिख कर अवगत करवा दिया गया है ।
उंनका कहना है कि विभिन्न जिलों के चेक पोस्ट पर अब पूरी चेकिंग होगी यदि कोई वाहन या कोई यात्री बिना पंजीकरण के पाया जाता है तो उसे वहीं से लौटा दिया जायेगा ।
उंनका कहना है कि धामों में ज्यादा भीड़ केमरा ,फोन और रील बनाने वालों के कारण भी बढ़ रही है क्योंकि कुछ लोग रील बनाने के लिये मंदिर प्रांगणों में आवश्यक रुकते है । राधा रतूड़ी ने अपने बयान में चारधाम के 200मीटर के अंतर्गत फोन और केमरा पर रोक लगायी थी परंतु बाद के सरकारी आदेश में चारों धामो में 50मीटर की परिधि में मोबाइल फोन केमरा ले जाने पर जानकारी दी गयी । हालकी उनके इस बयान पर भी शोषलमीडिया पर जमकर सवाल उठ रहे हैं लोगों का पूछना है कि क्या चारधामों में vip दर्शन और vip के मंदिरों के गर्भगृह तक केमरा ले जाने पर रोक लगेगी ?

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राधा रतूड़ी ने कहा कि यात्री उसी दिन अपनी यात्रा करें जब उंनका पंजीकरण हो , साथ ही पंजीकरण में अपनी स्वास्थ संबंधित जानकारी भी दें ।

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