मंगलौर :एसएसपी एसटीएफ श्री नवनीत सिंह के नेतृत्व में उत्तराखंड एसटीएफ द्वारा अन्तर्राष्ट्रीय साईबर अपराधियों को फर्जी सिम कार्ड उपलब्ध कराने वाले एक मास्टर माइण्ड सोहिल ( काल्पनिक नाम )साईबर अपराधी को थाना मंगलौर क्षेत्र हरिद्वार से किया गया गिरफ्तार ।
क्या था मामला : माह अप्रैल-2024 में माजरी माफी मोहकमपुर देहरादून निवासी एक पीडित ने नेहरु कॉलोनी थाने में मुकदमा दर्ज करवाया था , जिसकी जांच की जिम्मेदारी एस0टी0एफ0/साइबर क्राईम पुलिस स्टेशन देहरादून को मिली थी ।
पीड़ित ने बताया कि वो 8 महीने से फेसबुक कल्याणी नाम की एक महिला के सम्पर्क में था जो स्वयं को चेन्नई निवासी बताती थी ।
महिला द्वारा Metal Advisor का कार्य करना बताया गया था ,वह किसी वेबसाईट पर लोगों को पैसा इन्वेस्ट कर तीनगुना मुनाफा कमाने को कहती थी।

लोगों को लुभावने के लिए वो समय समय पर फ़ेसबुक में पर कई ऐसी chat के स्क्रीनशॉट डालती थी जिसमे लोगों को तीन गुना फायदा दिखाया जाता था ।

पीड़ित ने कई महीनों ये सब देखने के बाद भी खुद इन्वेस्टमेण्ट करने का सोचा ।
कल्याणी नाम की महिला ने व्हाट्सएप पर एक website का link भेजकर बताया कि कैसे- कैसे उसे उस website पर अपना user ID बनाना है और भी क्या-क्या करना है फिर एक प्रोग्रामर का व्हाट्सएप नम्बर दिया जिसके द्वारा बताना शुरू किया कि क्या करना है website पर कहा जाना है कौन सा link open करना है आदि आदि।

उन पर विश्वास कर वह उनके बताये अनुसार वैसा-वैसा करता गया और सबसे पहले 10,000/- रुपये इन्वेस्ट किये जिसका मुनाफा 02 दिन के अन्दर कुल रुपये 23,776/- उसके बैंक अकाउण्ट में आ गये। उसके बाद उसने 25,000/- रुपये इन्वेस्ट किये तो बताया कि Management के द्वारा limit Minimum 50,000 रूपये कर दिये हैं जिसके लिए उनको और 25 हजार रुपये इन्वेस्ट करने होंगे,
पीड़ित ने 25 हजार जमा किये ।
परन्तु तब भी उनके पैसे वापस नहीं आये अपितु अपने पैसे वापस पाने के लिए एक लाख रुपया और जमा करने को कहा गया।

शक होने पर पीड़ित ने साइबर क्राईम को रिपोर्ट करने की धमकी दी तो उसका नं0 ब्लॉक कर दिया गया ।
साथ ही Website- td network.info एवं tdnetwork.top भी बन्द हो गये ।

इसी मामले की जांच में टीम ने पाया कि संबंधित अकाउंट नम्बर मंगलौर क्षेत्र की महिलाओं के नाम पर दर्ज है । जिसकी विस्तार से जांच में एक आरोपी गिरफ्तार हुआ ।

-गिरफ्तार अभियुक्त के कब्जे से 1816 सिम कार्डस, दो चैक बुक, 05 मोबाइल फोन व 02 बायोमैट्रिक डिवाइस बरामद हुए ।

-गिरफ्तार मास्टर माइण्ड अभियुक्त द्वारा अब तक 20 हजार से ज्यादा सिम कार्ड को एक्टिवेट कर फर्जी तरीके से दक्षिण ऐशियाई देशों थाईलैण्ड, कम्बोडिया, म्यामांर आदि देशों के अलावा भारत के कई राज्यों के साईबर ठगों को उपलब्ध कराया गया।


-गिरफ्तार अभियुक्त ने पूछताछ में बताया गया कि उसके द्वारा अपने कस्बे की कई महिलाओं को फर्जी सरकारी स्कीम अथवा कंपनी को ओर से कप का सेट देने का लालच देकर उनके आधार कार्ड आदि दस्तावेज व बायोमैट्रिक प्राप्त करके उन महिलाओं की आई0डी0 पर फर्जी तरीके से धोखा देकर सिमकार्ड प्राप्त किये गये हैं ।

-वह इन सिम कार्ड से ओटीपी बायर को सिम कार्ड के जरिए ओटीपी बनाकर बेचता था प्रत्येक सिम कार्ड के ओटीपी पर मुझे 03 रुपये से लेकर 50 रुपये तक का मुनाफा होता है।

उसके बाद आरोपी सिम कार्ड तथा मोबाइल को तोड़कर जला देता था।
विवेचना से प्रकाश में आया है कि अभियुक्त द्वारा फर्जी तरीके से मोबाइल सिम कार्ड एक्टिवेट कर उसका ओटीपी अपने अन्य सहयोगियों को देकर व्हाट्सएप एक्टिवेट कराया गया है

जिसके माध्यम से मामले के पीड़ित से 50,000 की ठगी की गई है।

तथा कई अन्य महिलाओं की आई0डी पर धोखाधड़ी से हजारों सिम कार्ड एक्टिवेट कर उनके व्हाट्सएप व अन्य एप्लीकेशंस के ओटीपी जनरेट कर चाइनीज व कम्बोडिया से संचालित व्हाट्सएप ओटीपी ग्रुप के माध्यम से अन्य अभियुक्तों को दिए गए जिनके द्वारा व्हाट्सएप कॉलिंग कर या इंस्टाग्राम पर मासूम लोगों को अपने जाल में फंसा कर इन्वेस्टमेंट के नाम पर व अन्य लालच देकर साइबर ठगी को अंजाम दिया जा रहा है।
इसके अलावा और भी कई तथ्यों एवं अन्य पहलूओं के सम्बन्ध में विवेचना जारी है।

आयुष्मान कार्ड बनवाने के नाम पर लोगों के बायोमेट्रिक और तस्वीरें लेकर ठगी गिरोह को सिम कार्ड उपलब्ध कराने वाली दो शातिर महिला ठगों को स्पेशल टास्क फोर्स, उत्तराखंड, (stf) ने किया गिरफ्तार

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