आज 7जून 2025 को जनपद रुद्रप्रयाग में एक हैलीकॉप्टर को बडासू के पास मुख्य राष्ट्रीय राजमार्ग पर हार्ड लैंडिंग करवायी गयी ।
क्रेस्टेल एविएशन प्राइवेट लिमिटेड के एक हेलीकॉप्टर में शनिवार दोपहर टेक-ऑफ के दौरान तकनीकी खामी आ गई थी , पायलट ने समय पर परिस्थिति भांपते हुए पास में ही सड़क पर आपातकालीन लैंडिंग करवाई, जिससे बड़ा हादसा होने से बच गया। हालांकि आपातकालीन लैंडिंग के दौरान पायलट को मामूली चोट आई है, उन्हें तुरंत अस्पताल ले जाया गया।
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हेलीकॉप्टर में सवार सभी पांचों यात्री सुरक्षित हैं।
आपातकालीन लैंडिंग के दौरान सड़क पर खड़ी एक गाड़ी
भी क्षतिग्रस्त हुई है । बताया जा रहा है कि उक्त घटना का हेली शटल सेवा पर कोई प्रभाव नहीं पड़ा है।
परन्तु
अचानक हुए इस हादसे से उक्त स्थल पर दोनो ओर से फिलहाल यातायात पूरी तरीके से बाधित हो गया ।
बताया जा उक्त हैलीकॉप्टर को सड़क से हटवाये जाने में अत्यधिक समय लगना सम्भावित है
रुद्रप्रयाग शाशन ने केदारनाथ धाम की यात्रा पर आ रहे श्रद्धालुओं से आग्रह है कि वे फिलहाल जहां पर हैं, उसके आस-पास ही रुक जायें।
हैलीकॉप्टर को हटाए जाने के पश्चात इस स्थल पर वाहनों की आवाजाही को सुचारु किया जाएगा।
, इस घटना की सूचना तुरंत डीजीसीए (Directorate General of Civil Aviation) को दे दी गई है।
बता दे कि यह पहली बार नहीं कि केस्ट्रल एविएशन कंपनी को इस क्षेत्र में इमरजेंसी लैंडिंग करनी पड़ी हो। पिछले साल मई 2024 में भी इसी कंपनी के एक हेलीकॉप्टर को उड़ान भरते समय अचानक नियंत्रण खोना पड़ा था, लेकिन पायलट की कुशलता से दुर्घटना टली थी। उस हादसे में भी हेलीकॉप्टर का पिछला हिस्सा जमीन से टकराया था।
लगातार हेलीकॉप्टर सेवाओं के साथ दुघर्टना भी बढ़ती जा रही है ।
उत्तराखंड में पिछले बड़े हेलीकॉप्टर हादशे :
– इसी वर्ष 8 मई को उत्तरकाशी में एक हेलीकॉप्टर क्रैश में पायलट समेत 6 यात्रियों की मौत हो चुकी है।
-अप्रैल 2023 में केस्ट्रल एविएशन के हेलीकॉप्टर के टेल रोटर ब्लेड टूटने से यूकाडा के एक अधिकारी की मृत्यु।
अक्टूबर 2022 में केदारघाटी में गुजरात और तमिलनाडु के तीर्थ यात्रियों को ले जा रहा हेलीकॉप्टर क्रैश, जिसमें 7 यात्रियों की मौत।
-वर्ष 2013 के केदारनाथ आपदा के दौरान सेना और आईटीबीपी के 20 जवान एमआई-17 हेलीकॉप्टर क्रैश में शहीद।
-जंगलचट्टी क्षेत्र में भी कई बार हेलीकॉप्टर दुर्घटनाएं हुईं, जिनमें पायलट और को-पायलट की मौत हुई।
-कुल मिलाकर, 2010 से लेकर अब तक केदारनाथ क्षेत्र में कम से कम 7 बड़े हेलीकॉप्टर क्रैश की घटनाएं हो चुकी हैं, जिनमें अनेक यात्री और सुरक्षा कर्मी शहीद हुए हैं।