नई दिल्ली- इंटरनेट क्रांति व कोविड काल से उभरा इन्फूलेंसरो का बाजार जो चंद फॉलोवर की आड़ में कही भी घुस जाते है ।
ताजा मामला यूटबर ज्योति मल्होत्रा का है जो ख़ुद को फैशन व ट्रैवेल ब्लॉगर बताती थी ।
ज्योति को पाकिस्तान के लिए जासूसी के जुर्म में गिरफ्तार कर जेल भेजा गया है , ज्योति के साथ अन्य 5 लोग भी गिरफ्तार किये गये जिनपर पाकिस्तान के लिए जासुसी का आरोप है ।
ज्योति की व्लोग देखें तो ज्योति की ब्लॉगिंग की शुरुआत ही कश्मीर घाटी से होती है, उसके बाद वह लगातार कश्मीर वैली व 4 बार पाकिस्तान की यात्रा कर चुकी है।
ज्योति हिसार के घोड़ा फार्म रोड की रहने वाली हैं,उसने कुरुक्षेत्र यूनिवर्सिटी से पढ़ाई की , पहले वह गुरुग्राम की एक निजी कंपनी में काम करती थी, कोविड के दौरान उसे नौकरी चली गई इसके बाद वह ब्लौगिंग करने लगी। खुद को सनातनी बताती है ,वह उत्तराखंड की यात्रा भी कई बार कर चुकी है ।
ज्योति के बार बार पाकिस्तान जाने के कारण ही वह भारतीय सुरक्षा एजेंसियों की नजर में थी।
ज्योति लंब्बे समय से दानिश नामक पाकिस्तानी उच्चायोग के एक अधिकारी के संपर्क में थी, जिसने कथित तौर पर उसे पाकिस्तान जाने में मदद की थी।
उसके साथ नज़दीकियों में ज्योति द्वारा पाकिस्तान के साथ भारत की संवेदनशील जानकारी साझा करने का आरोप है।
पाकिस्तान उच्चायोग में तैनात पाकिस्तानी कर्मचारी एहसान उर रहीम उर्फ दानिश के द्वारा ही ज्योति मल्होत्रा को डिनर पर बुलाया गया था।
बताया जा रहा है कि एहसान उर रहीम उर्फ दानिश यह वही शख्स है, जो भारत में बैठकर हिंदुस्तान के खिलाफ साजिश रच रहा था।
ज्योति मल्होत्रा ‘ट्रैवल विद जो’ नामक यूट्यूब चैनल चलाती है,पाकिस्तान यात्रा के दौरान ज्योति पाकिस्तान की कई सख़्सियतो से मिली ,इसी बीच उसके पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी ISI के संपर्क में आने की खबर है ।
ज्योति शुरू से पाकिस्तानी संस्कृति व वहाँ के लोगों से प्रभावित दिखती है , भले ही उसने 2023 में पहली बार पाकिस्तान की यात्रा की हो पर ज्योति मल्होत्रा ने 22.10.2018 को अपना पासपोर्ट बनवाया था, जिसकी वैधता 21.10.2028 तक की है।
जबकि वह पिछले दो-तीन वर्ष से ही ट्रैवल विद जो के नाम से यूट्यूब चैनल चलाती है।
ज्योति के कुछ लाख ही फॉलोवर्स थे परंतु उसकी लग्जरी लाईफ इस आरोप की तरफ़ पुख्ता ईशारा कर रही है कि उसे कहीं से आर्थिक सहायता मिलती रही है ।
फ़िलहाल ज्योति के खिलाफ भारतीय दंड संहिता (बीएनएस) की धारा 152 और आधिकारिक गोपनीयता अधिनियम, 1923 की धारा 3, 4 और 5 के तहत मामला दर्ज किया गया है, बताया जा रहा है कि उसका लिखित कबूलनामा भी दर्ज किया गया है ।
अब जांच आर्थिक क्राइम शाखा हिसार को सौंप दी गई है। सुरक्षा एजेंसियां इस जासूसी नेटवर्क के अंतरराष्ट्रीय कनेक्शनों की भी जांच कर रही हैं।