वैसे तो वन विभाग में ट्रांसफर सत्र शुरू हो गया है, पर वही कुछ वन कर्मी 10 साल से वन मुख्यालय देहरादून पर कब्जा किया बैठे हैं, वन विभाग में लगातार ट्रांसफर एक्ट की धज्जियां उड़ाते नजर आ रहे हैं अधिकारी

ट्रांसफर एक्ट  की और अगर हम नजर डालें तो एक्ट में दिए हुए बिंदुओं को ताक पर रखकर अधिकारी एक्ट की धज्जियां उड़ाते नजर आ रहे हैं वही मनमानी करते हुए वनकर्मियों को एक्ट के विपरीत इधर से उधर भेजा जा रहा है आखिर किसकी सह पर यह पूरा ट्रांसफर का खेल चल रहा है यह भी एक जाँच का विषय है

वैसे तो इस वर्ष वन विभाग को धनंजय मोहन  के रूप में नए हॉफ  मिले हैं, जो एक ईमानदार अधिकारी के रूप में विभाग में जाने जाते हैं पर अब देखना होगा धनंजय मोहन को विभाग की जिम्मेदारी मिलते ही क्या यह ट्रांसफर एक्ट का खेल समाप्त होगा या अब भी वन विभाग के बेलगाम अधिकारी ऐसे ही अपनी मनमानी कर अपने करीबियों को मुख्यालय पर कब्जा करने के लिए छोड़ देंगे

उत्तराखंड हलचल ने ट्रांसफर सत्र के दौरान इधर-उधर स्वेच्छा से किए गए रेंजर्स की जानकारी जब विभाग से मांगी तो विभाग ने यह कहकर बात टाल दी की इन सब की जानकारी डिवीजन से मांगी जा रही है, जो रेंजर अभी मात्र 1 साल पहले किसी रेंज पर आया है उसका ट्रांसफर किस आधार पर किया जा रहा है उसको लेकर विभाग के उच्च अधिकारी मौन साधे  हुए बैठे हैं

 

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