आखिर कब टूटेगा गौशाला की दुर्दशा पर उत्तराखंड सरकार का मौन । ऐसा नहीं है की पहली बार राज्य में बनी गौशालाओं की दुर्दशा का मामला सामने आया हो, इससे पहले भी वक्त वक्त पर कहीं समाज सेवी और पत्रकारों ने गौशालाओं की दुर्दशा दिखाने का प्रयास किया है । परन्तु कार्रवाई के नाम पर खाना पूर्ति होने के अलावा कुछ भी नहीं हो सका । मामले में आश्वासन देकर मामले को हमेशा दबा दिया गया है । पिछले चार-पांच दिनों से सोशल मीडिया पर कुछ वीडियो वायरल हो रही है जो की कांजी हाउस नगर निगम गौशाला नवादा केदारपुरम की बताई जा रही है । जिस में स्पष्ट रूप से गौमाता की बहुत ही दुर्दशा सामने आ रही है । बताया जा रहा है कि जिस NGO को यह कार्य सोपा गया है वह किसी बाबा जी के द्वारा संचालित किया जा रहा है । कितने अफसोस की बात है की हिंदुतवादी सरकार जिन्होंने गोवंश को संरक्षण प्राप्त करने,गौ माता को राष्ट्रमाता बनाने का दावा किया था । उनके अधिकार क्षेत्र में भी इस प्रकार की घटनाएं आ रही है । विभिन्न हिंदू संगठनों ने जब मौके पर जा कर हंगामा किया उसके बाद पुलिस पहुंची । पुलिस के द्वारादिया आश्वासन दे उचित धाराओं में कार्रवाई की बात की गयी । ये तो वक्त बतायेगा की कौन सी धाराएं लगी है लेकिन आखिर इंसानों की संवेदना है मर चुकी है । आखिर क्यों सरकारी पैसे की इतनी बर्बादी की आवंटित होने के बाद कोई सुध लेने वाला नहीं , कोई जांच नहीं करता है कि कार्य किस प्रकार किया जा रहा है ।