ऋषिकेश में पिछले दिनों का घटनाक्रम किसीसे छुपा नहीं है इसलिए ऋषिकेश में कल 3 सितंबर 2024 को ऋषिकेश में स्थानीय नागरिकों द्वारा एक बड़ी महापंचायत का आयोजन किया गया जिसमें सैकड़ों की तादात में लोगों मोजूद रहे ।
महापंचायत में सरकार के सन्मुख निम्न मांगों को रखने का फैसला लिया गया :
1. विमलेश पत्नी सुनील वालिया ( सुनील गंजा) द्वारा लिखाई गई एफआईआर झूठी है, जिसे तुरंत
खारिज किया जाए ।
2. योगेश डिमरी पर हमला संगठित होकर प्लान बनाकर किया गया , जो कि भारतीय न्याय संहिता
की धारा 111 तथा गैंगस्टर एक्ट के अंतर्गत कार्यवाही की जाए ।
3. सुनील गंजा तथा उसके सहयोगी रिश्तेदारों द्वारा अवैध तरीके से अर्जित संपत्ति को राज्य सरकार
तुरंत जब्त करे ।
4 ऋषिकेश में मोजूद शरब माफिया और उसके साथियों की एक साल की कल डिटेल्स निकालकर, राजनीतिक
एवं पुलिस के संरक्षण तथा मिलीभगत का पर्दापाश किया जाए ।
5. बाकी खुले घूम रहे हमलावरों की तुरंत गिरफ़्तारी की जाए ।
6. संगठित अपराधी सिंडिकेटर के घर से पुलिस द्वारा जब्त किये गए डिवीआर की घटना वाले पूरे
दिन की रिकॉर्डिंग को सुरक्षित रखा जाए एवं इसको सार्वजनिक भी किया जाए ताकि पारदर्शिता
रहे ।
7. ऋषिकेश क्षेत्र के अन्य मागफियाओं को जिलबदर किया जाए ।
8. सम्पूर्ण ऋषिकेश कोतवाली में कार्यरत कर्मियों को निलंबित किया जाए ।
साथ ही इस महापंचायत में सरकार से बात करने के लिए एक डेलीगेशन बनाया गया ।
जो सरकार तथा पुलिस प्रशाशन से बात करेगा । इसमे विकास सेमवाल, रामरतन रतुड़ी, जिलाध्यक्ष भाजपा किसान मोर्चा नरेंद्र रावत, शिक्षाविद हिमांशु रावत, प्रमोद शर्मा, आशुतोष शर्मा, एडवोकेट ललमनी रतुड़ी, राजीव थपलियाल, विनोद चौहान, हर्ष ग्वाडी, संजीव चौहान, मानवेंद्र कंडारी, सतीश रावत, विजय बिष्ट, पार्षद विपिन पंत, विजय बडोनी, निर्मल उनियाल, दीपिका व्यास, प्रभाकर पैन्यूली, पवन पांडे आदि मुख्य रूप से नामित किये गए हैं।
दलगत राजनीति से ऊपर उठकर मोजूद जनता ने एक स्वर में इस घटना की निंदा की । महापंचायत में
काँग्रेस, बीजेपी, यूकेडी, आम् आदमी पार्टी समेत कई राजनीतिक दलों के लोग तथा सामाजिक
कार्यकर्ता भी शामिल थे ।