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केदारनाथ मंदिर के गर्भगृह में सोना लगाया जाना और बाद में एक वायरल वीडियो पर उपजा विवाद खत्म होने का नाम नहीं ले रहा । पिछले साल गर्भगृह में सोने का पीतल होने की बात मीडिया में खूब उछली थी । वहीं मामला कुछ शांत हुआ था तो ज्योतिर्मठ के शंकराचार्य स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती ने 15 जुलाई को केदारनाथ मंदिर से 228 किलो सोना गायब होने का आरोप लगाया था। उसके बाद एक बार फिर इस विवाद ने तूल पकड़ लिया ।
जिसके बाद श्री बद्रीनाथ-केदारनाथ मंदिर समिति ने कुछ बिल भी मीडिया को प्रदान किये थे और समिति के अध्यक्ष श्री अजेंद्र अजय ने कहा कि, ”हम शुरू से कहते आ रहे हैं कि केदारनाथ के गर्भगृह में 23 किलो सोना था और इसमें 1000 किलो तांबे की प्लेट लगी हुई है, लेकिन कुछ विरोधी दुष्प्रचार कर रहे हैं केदारनाथ में 230 किलो सोने लगने की बात कह कर ।
स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद के बयान पर
श्री बद्रीनाथ-केदारनाथ मंदिर समिति के अध्यक्ष अजेंद्र अजय ने कहा, स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद सिर्फ सनसनी फैलाना चाहते हैं। सबूत हैं तो सुप्रीम कोर्ट या हाईकोर्ट जाएं।
अजेंद्र अजय ने कहा, मैं स्वामी का सम्मान करता हूं, लेकिन वे दिनभर प्रेस कॉन्फ्रेंस करते रहते हैं। विवाद खड़ा करना, सनसनी फैलाना और चर्चाओं में बने रहना उनकी आदत है। अगर स्वामी कांग्रेस के एजेंडे को आगे बढ़ाने के लिए काम कर रहे हैं तो यह बहुत दुर्भाग्यपूर्ण है। उन्हें अनावश्यक विवाद खड़ा करने और केदारनाथ की गरिमा को ठेस पहुंचाने का कोई अधिकार नहीं है।
आप भी देखिये मंदिर समिति की ओर से जारी स्पष्टीकरण और बिल । 2 साल में पहली बार मंदिर समिति को आधिकारिक तौर पर तथ्यों के साथ सामने आई है जिसमे आप देख सकते है कि 23 किलो सोने का मूल्य 14 करोड़ है ।

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