उत्तरकाशी – सहस्त्रताल ट्रेक पर गए 22 लोगों के दल में , 4 लोगों की मौत ,10 को किया रेस्क्यू
उत्तरकाशी (सहस्त्रताल )
सहस्त्रताल ट्रैक पर फंसे ट्रैकर्स की तलाशी हेतु संचालित रेस्क्यू अभियान संपन्न हो गया है। इस अभियान में रेस्क्यू टीम द्वारा कल 13 ट्रैकर्स को सुरक्षित रेस्क्यू किया गया , पहले दिन 5 शवों को बरामद किया गया था दूसरे दिन वायु सेना के चीता हेलीकॉप्टर के माध्यम से सिल्ला-कुश कल्याण-सहस्त्रताल ट्रैक से चार शवों को एयरलिफ्ट किया गया ।
हादसे में मरने वाले ट्रैकर्स की संख्या 9 हो गई है। सुरक्षित रेस्क्यू किये गए 13 ट्रैकर्स को देहरादून भेजा गया ।
सवाल ये नहीं कि 13 ट्रेकर्स सुरक्षित है सवाल ये है कि आखिरकार हर साल उत्तरकाशी जनपद में इस प्रकार के हादशे होते है । फिर भी सुरक्षा की कोई कारगर उपाय नहीं किये जाते । 9लोगों की जान जाना कोई मामूली हादशा नहीं ।
सूचना अनुसार ट्रेक पर गये कई टूरिस्ट की उम्र 55 से 65 साल के मध्य बताई जा रही है ।हालाँकि एक स्वस्थ व्यक्ति किसी भी आयु में ट्रेकिंग कर सकता है परंतु सवाल ये है कि इतनी ऊँचाई पर इस उम्र में ट्रेकिंग की अनुमति किसने प्रदान की ??
यदि ट्रेकिंग कम्पनी ने किसीसे अनुमति दी ली थी तो फिर
आपातकालीन सुरक्षा नियमों की जांच क्यों नहीं ? क्या ट्रैक पर गये लोंगो की स्वास्थ्य जांच हुई थी?? क्या ट्रेकिंग दल के साथ गये गाईड सभी प्रतिक्षित थे ??
आवश्यकता है समय पर उत्तराखंड पर्यटन नियमो को कड़ा करने की ,वक्त वक्त पर आपदा प्रबंधन ,आपातकालीन आवश्यकताओ की जांच और रखरखाव ।।