देहरादून : मूल निवास भू-क़ानून संघर्ष समिति ने सभी सामाजिक संगठनों और आम जनता से मशाल जुलूस निकालने का आह्वान किया , उनके अनुसार पहाड़ की अस्मिता बचाने के लिए ये स्वाभिमान मशाल जुलूस निकाला जाएगा ।
मूल निवास भू-क़ानून संघर्ष समिति के संयोजक मोहित डिमरी ने कहा कि पहाड़ की अस्मिता पर लगातार चोट की जा रही है। पहाड़ के लोगों को सड़कों पर तो गालियां दी ही जा रही है और अब विधानसभा के अंदर पहाड़ के लोगों को गाली दी जा रही है। लेकिन एकाध विधायक को छोड़कर किसी ने भी इसका विरोध नहीं किया। इससे पता चलता है कि पहाड़ के प्रति विधायकों की कैसी मानसिकता है।
मूल निवास भू कानून संघर्ष समिति के सह-संयोजक लूशुन टोडरिया,उत्तराखंड बेरोजगार संघ के उपाध्यक्ष राम कंडवाल
ने कहा ये समय राज्य के मूल निवासियों को संगठित करने का है, इसलिए जरुरी है कि प्रदेश भर के संगठन एकजुटता का परिचय दें और पर्वतीय समाज के लिए अपशब्द बोलने वाले प्रेमचंद अग्रवाल को मंत्रीपद और ऋतु खंडूरी को विधानसभा अध्यक्ष पद से हटाने की माँग को लेकर एकजुट हों।
मूल निवास भू कानून संघर्ष समिति के प्रवक्ता हिमांशु रावत,पहाड़ी स्वाभिमान सेना के पंकज उनियाल,प्रमोद काला ने कहा की यह राज्य हमें बड़े संघर्षों के बाद मिला है और विधानसभा के अंदर पहाड़ को अपमानित किया का रहा है । ऐसे अपमान को राज्य के मूल निवासी किसी भी हालत में बर्दाश्त नही कर सकते । अब सभी को एकजुट होकर अपने अधिकारों के लिए एक बड़ा आंदोलन करना होगा ।
राष्ट्रवादी रीजनल पार्टी के शिव प्रसाद सेमवाल,पूर्व सैनिक सुदेश भट्ट,देवभूमि युवा संगठन के आशीष नौटियाल,संजय सिलस्वाल ने कहा कि इस राज्य में जो घटनाक्रम चल रहा है वह बहुत ही दुर्भाग्यपूर्ण है । पहाड़ के लोगों ने इस राज्य की लड़ाई में अपना बलिदान दिया और आज इन्ही पहाड़ के लोगों के लिए अपशब्द का प्रयोग किया जा रहा है । अब पूरे प्रदेश में ऐसे अपशब्द का प्रयोग करने वाले नेताओं का बहिष्कार किया जाएगा ।
बैठक में राकेश नेगी, गढ़ कुमाऊं संगठन के कनिष्क जोशी, उत्तराखंड होटीलियर संगठन के कँवर बिष्ट, भू भूम्याल जागृति मंच से मोनू नौडियाल, अमित पंत, विकास रयाल, विपिन नेगी,पूर्व सैनिक संगठन,उत्तराखंड छात्र संघ सहित अन्य कई संगठनों के प्रतिनिधि उपस्थित रहे।