देहरादून : उत्तराखंड की पहली महिला बॉडी बिल्डर प्रतिभा थपलियाल आजकल सुर्खियों में है ।

चलिये जानते है कौन है प्रतिभा :मूल रूप से पौड़ी गढ़वाल की प्रतिभा की शिक्षा, पालनपोषण ऋषिकेश में हुआ ।

उन्होंने हिंदी में एम ए किया है, पढ़ाई के दौरान से ही वह खेलों में सक्रिय रही ।
वालीबॉल में बतौर कप्तान उत्तराखंड का वह प्रतिनिधित्व कर चुकी हैं,जिस दौरान उन्होंने पांच बार नार्थ जोन से खेला ।

इसके अलावा वह चार बार क्रिकेट में भी आल इंडिया स्तर पर खेल चुकी है ।
प्रतिभा ने थायरायड के कारण 2018 से पति भूपेश के साथ जिम शुरू किया था और भूपेश ही उनके कोच भी है ।

पहले से प्रतिभा ने कभी भी बॉडी बिल्डिंग को करियर बनाने की नहीं सोची ।परन्तु 2021 में कोविड के बाद दुबारा जिम शुरू करने पर उन्होंने इस ओर ध्यान दिया ।

प्रतिभा ने अनुसार उनकी सफलता के पीछे उनके परिवार खासकर उनके पति भुपेश थपलियाल की अहम भूमिका है। दो बच्चों की मां होने के बावजूद, उसने अपने परिवार और व्यावसायिक जिम्मेदारियों के साथ अपने फिटनेस लक्ष्यों को पूरा किया।
दोनों बेटों ने भी माँ के इस सफर में खूब योगदान दिया , बड़ा बेटा इंजीनियरिंग का छात्र है, दोनों खुद के कार्य ख़ुद करते है ताकि माँ अपने लक्ष्य पर ध्यान दे सकें ।

बॉडी बिल्डिंग आसान नहीं ,सिर्फ शरीर से नहीं जेब से भी होना पड़ता है मजबूत ।

प्रतिभा ने अपनी एक बातचीत में बताया कि बॉडी बिल्डर होना कोई आसान बात नहीं ,यदि आप धनाढ्‌य हैं तो आपके लिए ये आसान हो सकता है ,लेकिन एक आम मध्यवर्गीय परिवार के लिए यह काफी महंगा है ।
प्रतिभा के अनुसार किसी भी नेशनल या इंटरनेशनल प्रतियोगिता में भाग लेने के लिए ही चार-पांच लाख रुपये खर्च हो जाते हैं।

इंटरनेशनल लेवल की प्रतियोगिताओं में फ़ॉर्म ही एक लाख पांच हजार से एक लाख 65 हजार तक के भरे जाते है ।

प्रतिभा को सहयोग करने में बलूनी क्लासेज के विपिन बलूनी अग्रणीय रहे ।
प्रतिभा ने बताया कि यदि विपिन बलूनी जी का सहयोग ना होता तो शायद उनको एशियन चेम्पियनशीप छोड़नी पड़ सकती थी।
इसके अलावा ऋषिकेश ढालवाला के  संतोष पांथरी , उनकी ननद सीमा जोशी ने पूरे विश्व कप के दौरान आर्थिक मदद की, प्रतिभा बार बार अपने दोनों परिवार मायका और ससुराल पक्ष को धन्यवाद देना नहीं भूलती ।

उत्तराखंड की बात करें तो उत्तराखंड में बाँडी बिल्डिंग के लिए स्कॉलरशिप भी आसानी से नहीं मिलती जिस कारण सारा खर्च खुद ही उठाना होता है ,शायद ये ही वजह है कि उत्तराखंड के पास अभी तक बॉडी बिल्डिंग में कोई खाश उपलब्धि नहीं है ।

प्रतिभा ने बताया कि प्रदेश सरकार से वर्ल्ड चैंपियनशिप में भाग लेने के लिए दस लाख की सहायता मांगी लेकिन मिली महज एक लाख।
हालांकि इस चैंपियनशिप जीतने के बाद उत्तराखंड सरकार ने प्रतिभा की प्रतिभा को पहचाना और कई मंचो पर प्रतिभा को आमंत्रित भी किया ।

क्या रहा प्रतिभा का सफर :
मात्र डेढ़ साल के करियर में उन्होंने एक के बाद एक कई मेडल हासिल किए हैं, उन्होंने बताया कि साल 2022 में उन्होंने पहला नेशनल सिक्किम में खेला था, वहां से वो मेडल जीतकर आई थीं।

मार्च 2023 में, उसने मध्य प्रदेश के रतलाम में राष्ट्रीय शारीरिक सौष्ठव प्रतियोगिता में स्वर्ण पदक जीता ।
1से 6 सितंबर 2023 तक काठमांडू(नेपाल) में आयोजित एशियन बॉडीबिल्डिंग प्रतियोगिता में भी तीसरा स्थान पा कर कांस्य पदक जीता,

उसके बाद उन्होंने इस साल एक के बाद एक खिताब हासिल किया है ।
13वीं जूनियर मिस्टर इंडिया और सीनियर महिला बॉडीबिल्डिंग, नेशनल चैंपियनशिप में गोल्ड मेडल पर कब्जा जमाया।

6 नवंबर से 12 नवंबर 2023 तक दक्षिण कोरिया में हुए डब्ल्यूबीपी 14वीं विश्व बॉडीबिल्डिंग और फिजिक स्पोर्ट्स चैंपियनशिप 2023 (WBP 14th World Bodybuilding And Physique Sports Championships 2023) में कांस्य पदक जीता ,
एक आम गृहणी प्रतिभा महिला शरीर सौष्ठव में 55 किलो वजन समूह में ऐसा करने वाली पहली भारतीय महिला हैं।

प्रतिभा ने यह पदक महिला बॉडीबिल्डिंग चैंपियनशिप में ओवर 55 Kg वर्ग कैटेगरी (Women’s Bodybuilding Championships Over 55 KG) में हासिल किया है।

क्या होती है प्रतिभा की डाइट – प्रतिभा ने बताया कि उनकी हर महीने की डाइट पर लगभग 50 हजार से अधिक खर्च हो जाते है ।

प्रतिभा का रूटीन डाइट इस प्रकार है , रोजाना सुबह जिम में प्रैक्टिस करने के बाद ओट्स और प्रोटीन, उबले हुए आलू लेना,
इसके बाद नाश्ते में 10 अंडे, एक रोटी, सलाद।
दोपहर के भोजन में लगभग 300 ग्राम चिकन, चावल और सलाद के साथ प्रोटीन
शाम को पुनः जिम जाती है इस दौरान प्रोटीन के साथ आठ उबले हुए अंडे खाती तो डिनर में लगभग आधा किलो मछली, चावल और रोटी खाती है।

वह अपनी बात में यह जोड़ना नहीं भूलती की चिकन या
मछली कोई स्पाइसी टेस्टी वाला नहीं होता है, बल्कि उबला हुआ बिल्कुल बेस्वाद होता है ।

प्रतिभा को क्या है उम्मीद : खबरों के मुताबिक प्रदेश सरकार ने खेल कोटा बहाल किया है ,जिसके तहत नेशनल और इंटरनेशनल स्तर पर मेडल जीतने वाले खिलाड़ियों के लिए नौकरी दी जाती है ।

हालाँकि प्रदेश सरकार ने जो आवेदन मांगे उसमे बॉडी बिल्डिंग और रम्मी को शामिल नहीं किया गया था ।

 

2024 प्रतिभा ने किसी भी प्रतियोगिता में भाग नहीं लिया । कारण पूछने पर दबी जबान में प्रतिभा बताती है कि एक साल वह ख़ुद को आर्थिक रूप से मजबूत करने में लगी है , क्योंकि मध्यम वर्गीय परिवार से आने के कारण ये सब व्यय वहन करना उनके लिए मुश्किल है ।

प्रतिभा 2025 में एशिया कप और वर्ल्ड चैंपियनशिप में देश का परचम लहराना चाहती हैं इसलिए वह दिन रात मेहनत कर रही है।

प्रतिभा अभी भी सरकारी राह देख रही है ,उनको उम्मीद है कि सरकार उनकी कहीं ना कहीं से मदद करेगी ।
अब देखना होगा कि सरकार उसे उनकी तरफ ध्यान देती है या नहीं ।

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