हरिद्वार : मामला हरिद्वार जनपद के मंगलोर क्षेत्र के गांव अकबरपुर ढाढेकी का है, जहाँ के एक व्यक्ति प्रणव सैनी ने एक फर्म से अनुबंध के तहत मिनी एसबीआई बैंक की शाखा कॉमन सर्विस सेंटर (CSC-e) खोला ।
क्या है CSC-e (कॉमन सर्विस सेंटर-ई) : CSC-E गवर्नेंस सर्विसेज इण्डिया लिमिटेड व स्टेट बैंक ऑफ इण्डिया के बीच CSC सेंटर खोलने का अनुबंध हुआ जिसमें अनुबंधित कंपनी मुख्य शाखा से काफी दूरी पर CSC खोलती है ताकि आमजन जो बैंक से दूर है अपने घर के नजदीक ही बैंकिंग सुविधा का पूरा लाभ आसानी से उठा सके।
अकबरपुर ढाढेकी में खुले इस कॉमन सर्विस सेंटर में उक्त गांव एवं आसपास के कई सारे गांव के हजारों लोगों ने अपनी बचत की छोटी-छोटी रकम जमा की ।
सभी ग्रामीणों को लगता था कि यही हमारा बैंक है व प्रवीन सैनी भी उनके ही गाँव का व्यक्ति है ।
लेकिन शुरुआत में जब उक्त व्यक्ति ने लोगों का विश्वास जीत लिया और गाँव के लोग भी आंख बंद कर उस पर विश्वास करने लगे तो फिर धीरे धीरे इस व्यक्ति के मन मे लालच आगया और करोड़ो का गबन कर गया ।
मामला तब प्रकाश में आया जब लोगों को पता चला कि उनके द्वारा इस सेंटर में जमा करवायी गयी रकम उनके खातों तक पहुंच ही नही पायी । तब जा कर कई ग्रामीण हरिद्वार एसएसपी के पास पहुंचे ।
उन्होंने बताया कि प्रकरण के मास्टरमाइंड प्रणव सैनी ने ग्रामीणों से व्यवहार बनाने के लिए समय बे-समय उनके बेंक संबंधित अटके कार्यो में ग्रामीणों की मदद की , आवश्यकता के समय उनका ही पैसा घर बैठे उन तक पहुंचा दिया करता था ।
वह व्यक्ति पैसों के लेनदेन का हिसाब (डाटा इंट्री) पासबुक के बजाए अपनी डायरी में करने लगा ।
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इसी बीच एक खाता धारक जब कस्बा मंगलौर के एसबीआई बैंक में पैसे निकालने पहुंचा तो उसे पता लगा कि उसके अकाउंट में तो रकम है ही नहीं ।
तब अन्य लोगों ने भी अपने खातों की जांच की ।
मामले को ले कर कप्तान प्रमेन्द्र सिंह डोबाल ने एसपी देहात शेखर चंद्र सुयाल एवं सीओ मंगलौर विवेक कुमार से वार्ता कर 9 जनवरी को कोतवाली मंगलौर में गंभीर धाराओं 316(5), 318(4) BNS में मुकदमा दर्ज करवाया ।
मामले को देखते हूऐ आरोपी फरार हो गया ,जिस पर ₹5000 का इनाम भी घोषित किया , व साक्ष्य संकलन के लिये सीएससी सेंटर से विभिन्न कागजात व उपकरण भी जब्त किये गये । जिससे पता चला कि रक़म कुछ लाखों में नहीं करोडों में है ।
आरोपी को नारसन से गिरफ्तार किया गया ।
मामले में हरिद्वार पुलिस ठगी अब बैंक और अनुबंधित फर्म की भूमिका की पड़ताल में भी जुटी है ।
सबसे बड़ा सवाल ये है कि इन सेंटरों के डाटा को क्रॉसचैक करने की जिम्मेदारी किसकी बनती है
आरोपित-
प्रणव सैनी पुत्र रविंद्र सैनी निवासी अकबरपुर ढाढेकी कोतवाली मंगलोर हरिद्वार
आरोपी के सेंटर से ATM कार्ड- 1600 से अधिक, पासबुक- 900 से अधिक,आधार कार्ड- 38, पैनकार्ड- 11, मतदाता पहिचान पत्र- 05, लैपटाप- 02, कम्प्यूटर मोनीटर – 02, सीपीयू- 01,प्रिंटर- 01,बायोटेक मशीन, ₹3720/- नगद आदि सामान मिला ।