उत्तराखंड : बजट सत्र के दौरान प्रेमचंद अग्रवाल के द्वारा पहाड़ी समाज को ललकारने और आपत्तिजनक शब्दों बोलने के बाद उत्तराखंड में भारी विरोध देखने को मिला है ।
हालाँकि प्रेमचंद अग्रवाल ने सत्र के अंतिम दिन सदन में माफी भी माँगी थी जिसमे उन्होंने कहा कि ” कहा हमारे दिलों में झांककर देखिए, हमारे दिलों में उत्तराखंड बसता है, हम जियेंगे तो उत्तराखंड के लिए और हम मरेंगे तो उत्तराखंड के लिए, मेरे बयान को कुछ लोग तोड़ मरोड़कर पेश कर रहे हैं। राज्य आंदोलनकारी होने के बावजूद मुझे मुझे उत्तराखंडी होने का प्रमाण देना पड़ रहा है ।
लेकिन विरोध यही नहीं थमा
जगह-जगह प्रेमचंद अग्रवाल के पुतले जलाए गए, ऋषिकेश में तो प्रेमचंद अग्रवाल की शव यात्रा तक निकाली गई, जिसमें ऋषिकेश की जनता ने बढ़ चढ़कर भाग लिया ।
वही 22फरवरी 2025 को ऋषिकेश में जब प्रेमचंद अग्रवाल के पोस्टरों पर स्थानीय निवासियों द्वारा कालिक पोती जा रही थी तो, एक महिला बीच बचाव में आयी तथा ये सब घटनाक्रम का विरोध किया । उसके हस्तक्षेप के बाद विरोध में आयी महिलाएं भड़क गयी व कुछ महिलाओं ने उक्त महिला से हाथापाई भी की ।
वही विपक्षी दल कांग्रेस ने भी उत्तराखंड के कई जिलों में जगह-जगह प्रेमचंद अग्रवाल के पुतले जलाए, व मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी से प्रेमचंद अग्रवाल को पद से हटाने की मांग की ।
सोशलमीडिया पर भी प्रेमचंद अग्रवाल को ले कर खूब मुद्दे भुनाये गये जहाँ उनके पुराने विवादित बयान और विवादित कार्यो पर प्रकाश डाला गया ।
प्रेमचंद अग्रवाल मामले में जहां मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने भी प्रेमचंद अग्रवाल से माफी मांगने की अपील की थी, वहीं भाजपा प्रदेश अध्यक्ष महेंद्र भट्ट ने कहा कि प्रेमचंद अग्रवाल को भाजपा मुख्यालय बुलाया गया तथा उनको कड़ी चेतावनी दी गई है ।
उसके बाद कल शाम 23 फरवरी 2025 को प्रेमचंद अग्रवाल अपने समर्थकों के साथ ऋषिकेश में गंगा जी घाट पहुंचे और गंगाजल हाथ पर हाथ में लेकर माफी मांगी ,परन्तु पुनः उन्होंने कहा कि उनके बयान को तोड़ मरोड़ कर पेश किया गया है ।
उन्होंने गंगा मां से प्रार्थना की यह दुष्प्रचार बन्द हो, वह पैरों में लेट माफी मांगने को तैयार है ।