उत्तराखंड के जागरूक जनता द्वारा छेड़ी गयी जंग अब उत्तराखंड के हर क्षेत्र में आवाज उठाने लगी है । देहरादून ,टिहरी ,हल्द्वानी ,बागेश्वर के बाद अब 18 फरवरी को कोटद्वार में होगी मूल निवास स्वाभिमान महारैली !
कोटद्वार। मूल निवास भू कानून समन्वय संघर्ष समिति आज ही कोटद्वार पहुँच चुकी है ।
मूल निवास भू कानून समन्वय संघर्ष समिति के संयोजक मोहित डिमरी ने कहा कि 18 फरवरी को सुबह दस बजे सुखरो देवी मंदिर में एकत्रित होंगे। यहां से मालवीय उद्यान तक रैली निकलेगी।

हल्द्वानी में हुई घटना को लेकर ‘मूल निवास, भू- कानून समन्वय संघर्ष समिति’ ने राज्य सरकार पर निशाना साधा है। समिति के संयोजक मोहित डिमरी ने कहा कि अगर प्रदेश में मूल निवास और मजबूत भू कानून लागू होता तो इस तरह की अप्रिय घटना नहीं होती। उन्होंने हल्द्वानी की घटना की कड़ी भर्त्सना करते हुए कहा कि देवभूमि की पहचान शांति की रही है। इस घटना के लिए जिम्मेदार लोगों के खिलाफ कड़ी से कड़ी कार्रवाई होनी चाहिए।

देहरादून में एक पत्रकार वार्ता में डिमरी ने कहा कि मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी जिन बाहरी तत्वों को प्रदेश की शांति के लिए खतरा बताते हैं और जिनके खिलाफ सख्त एक्शन लेने की बात करते हैं उन बाहरी तत्वों की पहचान वह कैसे करेंगे ? उन्होंने कहा कि मूल निवास और मजबूत भूमि कानून किसी भी बाहरी तत्व के खिलाफ सबसे असरदार हथियार है।

समिति के कोर मेंबर प्रमोद काला, प्रांजल नौडियाल ने कहा कि गढ़वाल मंडल के द्वार कोटद्वार से मूल निवास स्वाभिमान आंदोलन का शंखनाद होने जा रहा है। यह धरती क्रांतिकारियों की धरती है। यहां से इस आंदोलन का संदेश पूरे पहाड़ में जायेगा और एक नई क्रांति की शुरूआत होगी। उन्होंने कहा कि प्रदेश में न केवल हल्द्वानी बल्कि तमाम दूसरे इलाकों में भी अवैध अतिक्रमण मौजूद हैं, जिनके खिलाफ सरकार बुलडोजर चलाने की बात कहती है, लेकिन असल समाधान बुलडोजर नहीं बल्कि मजबूत भू-कानून है। सरकार को चाहिए कि प्रदेश में मजबूत भू-कानून सख्ती से लागू कर समस्त भूमि का ब्यौरा जुटाए और उसके आधार पर आगे की कार्यवाही करे।

Spread the love

You missed

error: Content is protected !!