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दर्दनाक घटना–: हरियाणा के पंचकूला में सेक्टर-27 में काफी देर से एक अनजान कार खड़ी थी, जिसमे असामान्य गतिविधि देखी जा रही थी,और कुछ देर बार कार में सभी हलचल बन्द हो गयी , मामले की गम्भीरता को देखते हुए हर्ष नाम के स्थानीय युवक द्वारा इस विषय में स्थानीय पुलिस को बुलाया गया ।

पुलिस के मुताबिक करीब 11 बजे रात उनको सूचना मिली , मौके पर पुलिस ने देखा कि सेक्टर 27 के मकान नंबर 1204 के बाहर खड़ी एक कार में कुछ लोगों मृत अवस्था मे है ।

उन व्यक्तियों में एक व्यक्ति की सांसे चल रही थी जिसने बताया कि वह कर्ज से परेशान थे इसलिए सामुहिक आत्महत्या की है ।

मौके पर पहुंची पुलिस ने गाड़ी में सवार लोगों में से छह को सेक्टर-26 के निजी अस्पताल और एक को सेक्टर-6 स्थित नागरिक अस्पताल में ले गई। मृतकों में दो की पहचान प्रवीन मित्तल और उनके पिता देशराज मित्तल के रूप में हुई है बाकी मित्तल परिवार के 3बच्चे,व दोनों सास बहू है ।

सूचना मिलने के बाद डीसीपी हिमाद्रि कौशिक समेत अन्य वरिष्ठ पुलिस अधिकारी मौके पर पहुंचे।

मृतक परिवार का नम्बर देहरादून आरटीओ का होने के कारण परिवार को देहरादून को बताया जा रहा है ।

जिसपर देहरादून पुलिस द्वारा जांच की गयी तो सामने आया कि मृतक प्रवीण मित्तल पुत्र देशराज मित्तल का परिवार लगभग 8-9 महीने पूर्व तक कोलागढ़ देहरादून में किराए पर निवास करता था ।
मूल रूप से परिवार चंडीगढ़ क्षेत्र का निवासी होना बताया गया ।इस समय परिवार कहाँ पर रहता था इसकी कोई जानकारी नहीं मिल पा रही है ।

बताया जा रहा है कि परिवार बागेश्वर धाम के धीरेंद्र शास्त्री की कथा सुनने के बाद पंचकूला आया था ।

मृतक परिवार के पास मिली कार मालदेवता देहरादून के गंभीर सिंह नेगी के नाम पर पंजीकृत है,

संपर्क करने पर गम्भीर नेगी ने बताया कि मृतक पूर्व में चाइल्ड लाइफ केअर मिशन नाम से NGO चलाता था। इसी दौरान उनकी मुलाकात हुई , और मित्रता के चलते गंभीर नेगी ने कार अपने नाम पर फाइनेंस करवाया था, जो कार वर्तमान में मृतक परिवार के पास थी ।

नेगी के अनुसार मित्तल परिवार चंडीगढ़ में निवास कर रहे थे ।
यह भी बताया जा रहा है कि मित्तल परिवार ने कुछ समय पहले ही देहरादून में टूर और ट्रेवल्स का काम शुरू किया था ,जो चला नहीं व इसी कारण उनपर काफी कर्जा भी चढ़ गया था ।
प्रवीण के पिता ने टपकेश्वर में एक छोटी दुकान भी खोली थी, वहीं माँ बीमार रहती थी । बच्चे स्थानीय दून ब्लूमिंग बर्ड स्कूल में पढ़ते थे । लगभग तीन साल कौलागढ़ क्षेत्र में किराये पर रहा यह परिवार मिलनसार व साधरण स्वभाव का था ।

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