हरिद्वार : रानीपुर विधायक आदेश चौहान, नैनीताल विधायक सरिता आर्य , व रुद्रपुर विधायक शिव अरोड़ा को फोन कर खुद को केंद्रीय गृह मंत्री जय शाह का बेटा बता किसीको मंत्री तो किसीको मुख्यमंत्री पद के एवज में 3 करोड़ मांगने का मामला बीते दिनों खूब चर्चा का विषय रहा ।

जहाँ रानीपुर विधायक आदेश चौहान तो दिल्ली के लिए रवाना तक हो गये थे।
वहीं रुद्रपुर विधायक ने मीडिया में आकर मामले की जानकारी दी ।
मामला खुलने पर आदेश चौहान के पीआरओ रोमिश कुमार ने हरिद्वार पुलिस में तहरीर देकर बताया कि बीते 14फरवरी 2025 को विधायक के नंबर पर 9871933657 व 9220386406 से कॉल आई, कॉल करने वाले ने खुद को केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह का पुत्र जय शाह बताते हुए राजनीतिक विषयों पर चर्चा की ।
कथित जय शाह ने विधायक से कहा कि दिल्ली व मणिपुर में व्यस्तता के कारण पापा ने भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा के पुत्र हरीश नड्डा व उनको (जय शाह) को उत्तराखंड से संबंधित विषयों पर निर्णय लेने के लिए अधिकृत किया है।
उन्होंने पार्टी फंड में सहयोग की अपेक्षा की है,व कहा कि वह कुछ फंड की व्यवस्था कर शाम तक दिल्ली आ जाएं, वहा उनकी मुलाकात गृह मंत्री और राष्ट्रीय अध्यक्ष से करवायी जायेगी ।

यहाँ तक कि विधायक को दूसरा नंबर देकर ,उनके सेकेट्री से सम्पर्क में रहने को कहा गया ।

बातचीत बिल्कुल इस तरह की गयी थी कि आदेश चौहान अपने दिल्ली जाने के कार्यक्रम को तुरंत बना देते है ।
अगले दिन विधायक ने किसी माध्यम से हरीश नड्डा से संपर्क किया तो पता चला कि उन्हें धोखाधड़ी का शिकार बनाने की कोशिश की गई ।
साथ ही साइबर लुटेरों द्वारा बार बार कॉल की जा रही थी,जिस पर विधायक ने कॉल करने वालो को बताया कि उनकी हरीश नड्डा से बात हो गयी है व अपराधियो का खुलासा हो गया है ।
जिस पर फोन करने वाले ने धमकी दी कि पांच लाख दे दें, वरना वह अपनी टीम से सोशलमीडिया पर उनका दुष्प्रचार करवायेगा ।
मामले की शिकायत दर्ज होने पर संबंधित मोबाईल नंबरों के सीडीआर, आईएमईआई व समय-समय पर बदल रही लोकेशन के आधार पर गाजियाबाद व दिल्ली में एक के बाद एक, कई ठिकानों पर दबिश दी गयी ।
17फरवरी को एक अभियुक्त प्रियांशु पन्त (पुत्र बसन्त बल्लभ पंत उम्र 19 वर्ष मूल निवासी सिमाल गांव बेरीनाग जनपद पिथौरागढ़ उत्तराखण्ड हाल निवासी मयूर विहार थाना गाजीपुर पूर्वी दिल्ली )
को दिल्ली से घटना में प्रयुक्त मोबाइल के साथ दबोचा गया।
पूछताछ में प्रियांशु ने बताया कि लग्जरी लाइफ व पैसों की तंगी के चलते अपने अन्य दो साथियों उवेश अहमद व गौरवनाथ के साथ मिलकर एक झटके में मोटी कमाई के चक्कर मे उनके द्वारा ये कार्य किया गया ।
उपयुक्त अभियुक्तों के विरूद्ध कोतवाली नैनीताल व कोतवाली रूद्रपुर में भी अभियोग पंजीकृत किए गए हैं,साथ ही इनके अन्य आपराधिक इतिहास की जानकारी की जा रही है।

वहीं उवेश अहमद को रुद्रपुर पुलिस द्वारा गिरफ्तार किया गया है जिसको “वारंट बी” पर हरिद्वार लाया जाएगा।

इनमें एक अभियुक्त गौरवनाथ वर्ष 2024 में खुद को प्रधानमंत्री कार्यालय में सचिव बताकर विधायक से पैसों की डिमांड करने पर नासिक से जेल भी जा चुका है।
मामले को ले कर ये सवाल जरूर उठ रहे है कि आखिर क्या वजह है कि पढ़े लिखे युवा इस प्रकार के कार्य करने की कोशिश करते है ।

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