देहरादून : देहरादून के पटेलनगर क्षेत्र में 7 फरवरी 2025 को निधि राठौर ने अपने पिता श्याम लाल निवासी पीठावाला, चंद्रमणी पटेलनगर देहरादून की गुमशुदगी की रिपोर्ट दर्ज करवायी , उन्होंने पुलिस को बताया कि वह अपनी स्प्लेंडर मोटरसाइकिल संख्या: यू0के0-07-डीटी-1685 से बिना बताए घर से कहीं निकल गये,उन्होंने अपने सभी रिश्तेदारो व संभावित स्थानों पर पिता को बहुत तलाश कर लिया, परन्तु उनके संबंध में कोई जानकारी नहीं मिल पाई।

कॉल डिटेल्स से मिला सुराग : जांच के दौरान कॉल डिटेल्स निकालने पर पता चला कि श्यामलाल गुरुजी ने घर से निकलने से पूर्व किसी गीता नाम की महिला से फ़ोन पर बात की थी ।
नम्बर को सर्विलांस पर लगाने से पता चला कि श्यामलाल व उक्त महिला के बीच घर से निकलने के बाद 3-4 बार बात हुई ।
व गुमशुदा श्यामलाल गुरुजी, उक्त महिला व महिला के पति की लोकेशन भी एक ही स्थान पर दिखाई दी।
आसपास के सीसीटीवी फुटेजों से यह भी पता चला कि श्यामलाल घर से निकलकर अपनी मोटरसाइकिल से किशन नगर चौक होते हुए उक्त महिला के घर तक तो पहुंचे ,परन्तु वापस नहीं आये ।

साथ ही वो महिला गीता, उसका पति घर से लापता मिले व दोनों के मोबाइल नंबर भी बंद मिले ।

सर्विलांस में कुछ संदिग्ध नम्बर प्रकाश मे आये।
उक्त नम्बरों से संपर्क करने बाद,शक के आधार पर महिला गीता के मायके देवबंद सहारनपुर में पुलिस द्वारा दबिश दी गयी जहाँ से उसके भाई 22 वर्षीय अजय कुमार पुत्र रामपाल (निवासी कायस्थ वाडा सनी कॉलोनी मुकरबा रोड देवबंद सहारनपुर )
को पूछताछ के लिए हिरासत में लिया गया।

पूछताछ के दौरान उसने ही गीता व उसके पति हिमांशु चौधरी के श्याम लाल की हत्या करने की बात कबूली ।
उसने ये भी स्वीकार किया कि हत्या के बाद गीता ने उसको कॉल कर बताया कि उसने व हिमांशु ने एक हत्या कर दी है तथा शव को ठिकाने लगाने के लिए गीता ने उसकी मदद मांगी ।

जिस पर गीता के भाई अजय कुमार ने अपने एक अन्य साथी 30 वर्षीय धनराज चावला पुत्र संजय चावला ( निवासी कैलाशपुर कॉलोनी थाना देवबंद सहारनपुर ) के साथ शव को ठिकाने लगाने की बात की, अजय 3 फरवरी 2025 को देहरादून पहुंचा ।

वहीं धनराज 4 फरवरी को अपनी कार लेकर देहरादून पहुंचा व मृतक श्यामलाल के शव को प्लास्टिक के सफेद कट्टे में रस्सीयो से बाध कर कार की डिग्गी में अन्य घरेलू सामान के साथ रखकर देवबंद ले गए ।
मृतक की स्प्लेडर मोटर साईकिल को आईएसबीटी बस अड्डे के आगे रोड से लगे एक खाली प्लाट में खड़ा कर , नम्बर प्लेट को निकालकर कबाड मे फेक दिया ।
देवबंद पहुँचकर तीनो अभियुक्तों ने साखन की नहर में शिवराज का शव को फेंक दिया ।साथ ही जैकेट, जूते, मोबाईल फोन व अन्य सबूतों को भी उसी नहर में काली पन्नी के अन्दर रखकर फेक दिये ।

मामले में चौकाने वाला तथ्य ये भी है कि गीता का पति अभियुक्त हिमांशु देहरादून के एक प्रतिष्ठित मेडिकल संस्थान का एमबीबीएस का छात्र है।
दोनों पति पत्नी गीता व हिमांशु (निवासी नई बस्ती, सुनहरा रोड, रुड़की हरिद्वार )अभी पुलिस की गिरफ्त से बाहर है ।
वहीं दोनों गिरफ्तार अभियुक्त 3 दिन की पुलिस रिमांड पर है ।
जब पुलिस श्यामलाल के शव की खोजबीन कर रही थी तो पुलिस को सूचना मिली कि सहारनपुर के थाना बडगांव पुलिस को 17 फरवरी 2025 को नहर से एक शव मिला था ,जिसपर श्यामलाल गुरुजी के परिजनो व अभियुक्तों से शव व साक्ष्यों की शिनाख्त करवाई गई, जिनके शव की पहचान मृतक श्यामलाल के रूप में हुई ।
मृतक के पोस्टमार्टम की कार्यवाही करवाते हुए शव को परिजनों के सुपुर्द कर दिया गया ।
सूत्रों के अनुसार मृतक व महिला गीता फोन के माध्यम से एक दूसरे के संपर्क में थे , गीता द्वारा श्यामलाल से लाखों रुपये लिये गये थे , जिसको वापस मांगने के कारण ही श्यामलाल की हत्या हुई । हांलाकि असल मामला गीता व उसके पति के पुलिस गिरफ्त में आने पर ही पता चलेगा ।

मामले में कोतवाली पटेलनगर व एस0ओ0जी0 देहरादून की टीम के द्वारा कार्य किया जा रहा है ।

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