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देहरादून : सोशलमीडिया पर आए दिन लाईव आकर दूसरे धर्म व समुदायों के खिलाफ जहर उगलना आजकल फ़ैशन होता जा रहा है । देहरादून शहर आये दिन जगह जगह भीड़ जमा कर नारे लगाकर क़ानून व्यवस्था बिगाड़ने वालो ने पुलिस की नाक में दम कर रखा है ।
इन्ही संगठनों से निकल कर कुछ लोग भू माफिया तक बन जाते है ।
ताजा मामला देहरादून से दिल्ली तक खूब वायरल हुआ जिनमे खुले आम दूसरे धर्म के विरुद्ध गाली गलौच, जान से मारने की धमकी, शहर छोड़ जाने की धमकी और जबरदस्ती जय श्री राम के नारे लगवाये जा रहे थे ।
उक्त वीडियो पर उत्तराखंड की कानून व्यवस्था पर सवाल उठ रहे थे ।
मामला 3 फरवरी 2025 को नथुवावाला क्षेत्र में दो युवकों द्वारा एक नाबालिक लड़की के साथ छेड़खानी करने की घटना प्रकाश में आयी थी, जिसमे रायपुर पुलिस द्वारा छेड़खानी तथा पॉक्सो अधिनियम की संबंधित धाराओं में मुकदमा पंजीकृत कर दोनो युवकों के विरुद्ध वैधानिक कार्यवाही की गयी ।

उक्त दोनों युवकों में से एक युवक के दूसरे समुदाय से होने के कारण काली सेना के भूपेश जोशी, उसके साथी अजय, वैभव पंवार व अन्य के द्वारा दो युवकों को नग्न कर पिटाई की वीडियो सोशलमीडिया पर पोस्ट की गयी ।

तथा दूसरे समुदायों के विरोध में नथुवावाला में एक सभा कर दूसरे समुदाय के लोगो की दुकानों के बैनर/पोस्टर आदि फाड़ दिए, कुछ समानों को आग लगायी गयी तथा दूसरे समुदाय के लोगो के विरुद्ध अमर्यादित व आतंकित भाषा का प्रयोग करते हुए खूब हो हल्ला किया गया , मंच से खूब धमकियां दी गयी । साथ ही सनातनी हाट से एक बाजार खोला गया जहाँ दूसरे धर्म के लोगों से जबरदस्ती जय श्री राम बुलवाया गया ,खूब गालियां दी गयी, ये वीडियो सोशलमीडिया पर खूब शेयर की गयी ।

जब वीडियो सोशलमीडिया पर तैरने लगी तो एसएसपी देहरादून द्वारा दिये गए निर्देशों पर उ०नि० संजय रावत द्वारा भूपेश जोशी, वैभव पंवार, अजय व अन्य व्यक्तियों के विरुद्ध थाना रायपुर पर मु0अ0सं0- 40/2025
धारा 115(2),196(1), 299,324(4), 351(2),352 BNS का अभियोग पंजीकृत किया गया।

जब उक्त व्यक्तियों की सोशलमीडिया पोस्ट खंगाली गयी तो कई मुकदमें दर्ज होने के बाद भी उक्त व्यक्ति लगातार नफरती पोस्ट कर रहे है ,जहाँ उत्तराखंड पुलिस को अभी भी खूब भला बुरा सुनाया जा रहा है । शंकराचार्य की तक को इन लोगों द्वारा फ़ोटो एडिट कर अपशब्दों का प्रयोग किया जाता रहा है ।

अभी तक मामले में कोई गिरफ्तारी ना होना भी कही ना कही दर्शाता है कि इन व्यक्तियों पर शाशन प्रशासन का विशेष संरक्षण प्राप्त है ।

अब देखना होगा कि उत्तराखंड पुलिस जहाँ एक खबर शेयर करने पर एक युवा पेज एडमिन को नोएडा से उठा कर लाती है ,वही अब इस प्रकार के व्यक्तियों पर आगे क्या कार्यवाही की जाती है ।

क्योंकि मुकदमा दर्ज होने के बाद भी उक्त व्यक्ति अपने फ़ेसबुक पेज से पुलिस प्रशासन को खुलेआम धमकी देते दिखे ।

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