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सोचिये की आप घर बैठे कुछ टास्क कर अगर 2500 रुपये कमा ले तो आप क्या सोचेंगे , ये ही ना कि जिंदगी में पैसा कमाना कितना आसान है । और यही से शुरुआत होती है आपकी अपराधियों के जाल में फंसने की !!

ताजा मामला जनपद देहरादून सरस्वती विहार नेहरु कॉलोनी का है यहाँ निवासी महिला साइबर क्राईम पुलिस स्टेशन देहरादून में शिकायत देती है कि मई महीने में उनको टेलीग्राफ पर एक मैसेज आता है जिसमें उसे घर से काम करने के लिए प्रोत्साहित किया गया था
जिसके बाद वह ग्रुप सदस्यों के बताये अनुसार Harvey Norman नामक इलैक्ट्रोनिक उपकरणों की नामी कम्पनी के एक टेलीग्राम गुप में जुड गयी ,जिसका नाम Harvey’s Appliances Crew 1319 था। इस ग्रुप से उसे एक वेबसाईट https://www.hvnorman-search1.net पर रजिस्ट्रेशन कराकर एकाउण्ट बनवाया गया जहां वर्क फ्रॉम होम के नाम पर मिले टास्क को वेबसाईट में अपने एकाउण्ट में जाकर पूरा करना होता था ।

शुरू में इसके माध्यम से उसे 40 टास्क पूरे करने का लक्ष्य दिया गया और टास्क पूरे करने पर कम्पनी द्वारा उसे 2500 रूपये उसके यूनियन बैंक के अकाउन्ट पर प्राप्त हो गये।

इसके बाद टास्क शुरू होने पर उसे फेडरल बैंक के खाता संख्या 13410100076005 में रू0 10500/- जमा करने को कहा गया, इसके बाद इनकी वेबसाईट पर बने उसके एकाउण्ट में इनके द्वारा प्राफिट के साथ उसे 19000 रूपये उसके खाते में ट्रांसफर किये गये।

साथ ही ग्रुप में जानकारी दी गई कि यदि आपने अपने कम्पनी में बने एकाउण्ट को रिचार्ज नहीं किया तो आपके द्वारा कम्पनी में जमा किये गये पैसों के नुकसान के जिम्मेदार आप स्वयं होंगे, जिस कारण टास्क कम्पलीट करने के लिये इनके कहे अनुसार उसके द्वारा अलग-अलग अकाउन्ट में अलग अलग धनराशि जमा की गयी।

जैसे ही उनकी साईट में उसे प्रॉफिट के साथ 4175017.00 रूपये दिखा तो उसने कैश आउट करने का प्रयास किया तो उसमें एक अलर्ट मैसेज आया कि आपको 50 प्रतिशत सिक्योरिटी के तौर पर जमा करना होगा।

उसके स्वयं का पैसा निकालने के लिए बार-बार और अधिक पैसा जमा करने को कहने पर उनको शक हुआ । लेकिन तब तक वो 21,19,371/- रुपये की साईबर ठगी की शिकार हो चुकी थी

जून माह में दर्ज इस शिकायत पर साईबर क्राईम पुलिस द्वारा घटना में प्रयुक्त बैंक खातों/मोबाइल नम्बरों तथा व्हाटसप की जानकारी हेतु सम्बन्धित बैंकों, सर्विस प्रदाता कम्पनी, तथा मेटा एवं गूगल आदि से पत्राचार कर डेटा प्राप्त किया ।

साइबर पुलिस द्वारा अभियुक्तों की तलाश जारी की तथा अभियुक्तों की गिरफ्तारी हेतु कई स्थानों पर दबिशें दी, किन्तु आरोपी काफी शातिर किस्म के थे जो पुलिस को चकमा देने के उद्देश्य से समय-समय पर अपनी लोकेशन बदलते रहे ।
कड़ी मकसद से तीन अभियुक्तों को गिरफ्तार किया गया –

1-प्रथम शौकीन पुत्र अतुल शौकीन स्थायी निवासी म0न0 399 ग्राम छावला, थाना छावला नई दिल्ली-110071, वर्तमान निवासी म0न0 85 अशोक विहार, थाना सेक्टर-5 गुडगाँव हरियाणा, उम्र-24 वर्ष,
2- सुभाष शर्मा पुत्र अनुप चन्द्र शर्मा निवासी म0न0 219 बिजवासन,थाना कापशेहेडा न्यू दिल्ली, उम्र-25 वर्ष,
3- मुकुल गोधारा पुत्र कुलदीप गोधारा निवासी ग्राम धुलसीरस, थाना द्वारिका सेक्टर-23, जिला नई दिल्ली उम्र-20 वर्ष,

इनके कब्जे से घटना में प्रयुक्त बैंक खाते का एसएमएस एलर्ट नं0 IMEI सम्बन्धित मोबाइल हैण्डसेट सहित 5 मोबाइल फोन, 5 क्रेडिट कार्ड , 9 एटीएम कार्ड व 2 आधार कार्ड बरामद हुए है ।

पूछताछ से यह तथ्य भी प्रकाश में आया कि अभियुक्त मुकुल गोधरा अपने परिचितों अथवा जरुरतमन्दों को कुछ रुपये/ कमिशन देकर उनकी आई0डी0 पर बैंक खाते खुलवाकर उक्त साईबर धोखाधडी के लिये बैंक खातों का इन्तजाम करता था ।
इन खातों को अपने सह अभियुक्त प्रथम शौकीन व सुभाष शर्म के साथ मिल प्रयोग करते थे ।
ये सभी DUBAI AUGUST, Usdt 97 Hongkong, Chinese Usdt आदि Whatsapp ग्रुपों के माध्यम से अपने अन्य साथियों सहित अन्तर्राष्ट्रीय विदेशी साइबर ठगों के सम्पर्क में रहते थे ।
धोखाधडी से मिली रकम को ये विदेशों में बैठे साइबर ठगों की मदद से बाईनेन्स एप्प, Trust Wallet के माध्यम से USDT क्रिप्टो करेंसी खातों में स्थानान्तरित कर कमिशन के रुप में मुनाफा प्राप्त कर आपस में बांट लेते थे

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“वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक एस0टी0एफ0 उत्तराखण्ड आयुष अग्रवाल द्वारा जनता से अपील की ” कि वे किसी भी प्रकार के लोक लुभावने अवसरो/फर्जी साइट/धनराशि दोगुना करने व टिकट बुक करने वाले अंनजान अवसरो के प्रलोभन में न आयें ।
साथ ही, सभी से अपील है कि वे फर्जी निवेश ऑफर जैसे टेलीग्राम आधारित निवेश वेबसाइट ऑफर, YouTube like सब्सक्राइब में निवेश न करें व किसी भी अन्जान व्यक्ति के सम्पर्क में न आये अथवा न ही किसी भी अन्जान व्यक्ति से सोशल मीडिया पर दोस्ती न करें।
किसी भी अन्जान कॉल आने पर लालच में न आये, अन्जान कॉलर की सत्यता की जांच करे बिना किसी भी प्रकार की सूचना / दस्तावेज न दें ।

किसी भी प्रकार के ऑनलाईन जॉब हेतु एप्लाई कराने से पूर्व उक्त साईट का पूर्ण वैरीफिकेशन सम्बन्धित कम्पनी आदि से भलीं भांति इसकी जांच पड़ताल अवश्य करा लें तथा गूगल से किसी भी कस्टमर केयर नम्बर सर्च न करें ”
व शक होने पर तत्काल निकटतम पुलिस स्टेशन या साइबर क्राईम पुलिस स्टेशन को सम्पर्क करें । वित्तीय साईबर अपराध घटित होने पर तुरन्त 1930 नम्बर पर सम्पर्क करें । “

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