उत्तराखंड : दिल्ली के बुराड़ी में बाबा केदार के एक मंदिर का निर्माण हो रहा है जिसका नाम केदारनाथ धाम रखा गया । 3 एकड़ में बन रहे इस मंदिर का उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने 10 जुलाई को भूमिपूजन किया था । जिसके बाद उत्तराखंड में विरोध शुरू हो गया ।
जगह जगह तीर्थ पुरोहितों और उत्तराखंड के लोंगो ने आंदोलन किया , शोषलमीडिया पर भी लगातार उक्त संस्था के लोगो के साथ साथ मुख्यमंत्री धामी का भी लोग लगातार विरोध कर रहे थे ।
▪️केदारनाथ धाम ट्रस्ट का संत समाज ने भी मुखर हो कर विरोध किया ।
▪️विवाद के बीच जगदगुरु अविमुक्तेश्वरानंद ने कहा था, “ये प्रतीकात्मक केदारनाथ नहीं बन सकता है
शिव पुराण में द्वादश ज्योतिर्लिंग का उल्लेख किया गया है।12 ज्योतिर्लिंगों के जहां नाम बताए गए हैं वहीं पर उनका पता भी बता दिया गया है। ये भी उल्लेख है कि केदार हिमालय में है तो आप दिल्ली में केदार को कहां से लाकर रखोगे।
वहीं उक्त मंदिर की घोषणा के बाद से ही केदारनाथ धाम सभा भी मंदिर में ही विरोध स्वरूप नारेबाजी और धरना दे रहे थे ।
विरोध को देखते हुए धामी सरकार भी हरकत में आयी और 16 जुलाई को केदारनाथ धाम सभा के एक श्रेष्ठ मंडल से मुख्यमंत्री ने वार्ता की , जिसमें केदार धाम सभा को आश्वासन दिया गया कि दिल्ली बुराड़ी में बन रहे मंदिर का नाम केदारनाथ मंदिर नहीं रखा जाएगा तो इस बात पर सहमति जताने के बाद 16 जुलाई को केदारनाथ धाम सभा (उत्तराखंड) के प्रतिनिधियों , संत समाज , पुजारी समाज ने अपना धरना प्रदर्शन स्थगित कर दिया है।
वहीं विपक्षी पार्टियों ने भी जगह जगह पुष्कर सिंह धामी का विरोध किया ।
भारी विरोध के बाद दिल्ली में दिये गये भाषण के बिल्कुल विपरीत अब मुख्यमंत्री ने इस मामले में कहा कि ” बाबा केदार सबकी आस्था के प्रतीक हैं। दुनिया में कहीं भी दूसरा केदारनाथ धाम नहीं हो सकता ।”
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने ये भी कहा कि बदरी-केदार मंदिर समिति के अध्यक्ष को जरूरी दिशा-निर्देश दिए गये है ।
दिल्ली में बन रहे इस मंदिर ने चंदे के लिए क्यूआर कोड जारी किया था, जिस पर बीकेटीसी के अध्यक्ष अजेंद्र अजय ने कहा कि इस मामले में सीएम धामी के दिशा-निर्देश मिले हैं। कानूनी सलाह ली जा रही है। बदरी-केदारनाथ के नाम या फोटो का दुरुपयोग करने वालों पर कार्रवाई की जाएगी।
वहीं केदारनाथ धाम मंदिर समिति के अध्यक्ष सुरेन्द्र गैरोला देहरादून पहुच स्पष्टीकरण देते नजर आए और उन्होंने संबंधित मामले में मुख्यमंत्री के किसी भी सम्बंध से इनकार किया ।दिल्ली में बन रहे केदारनाथ मंदिर मामले में बैकफुट पर आयी संबंधित संस्था !! नाम बदलने को है तैयार :
वहीं दिल्ली में बन रहे प्रतीकात्मक केदारनाथ मंदिर के बारे में निरंजनी अखाड़े के आचार्य महामंडलेश्वर कैलाशानन्द गिरी महाराज ने बयान जारी करते हुए कहा कि उत्तराखंड के तीर्थपुरोहित व उत्तराखंड के कुछ लोगो को ऐसा प्रतीत हो रहा है कि केदारनाथ धाम का विकल्प दिल्ली केदारनाथ मन्दिर को बनाया जा रहा है। लेकिन वो खुद दिल्ली में बन रहे केदारनाथ मंदिर के कार्यक्रम में उपस्थित थे। उनका कहना है कि केदारनाथ मंदिर तो कोई भी बना सकता है लेकिन केदारनाथ धाम का कोई दूसरा विकल्प नहीं हो सकता। धाम केवल चार ही है बद्रीनाथ धाम, केदारनाथ धाम, गंगोत्री धाम, यमुनोत्री धाम।
हालांकि इतने आश्वासन और स्पष्टीकरण के बाद भी इस मामले में विरोध रुका नहीं चमोली में भी पंडा पुरोहित समाज तथा विरोधी पार्टियों ने जमकर विरोध जताया । वहीं शोषलमीडिया पर इस मामले को ले कर लगातार मीम्स के साथ विरोध भी व्यक्त किया जा रहा है ।
वरिष्ठ पत्रकार जखमोला लिखते है कि
– प्रापर्टी डीलर और स्कूल संचालक दिल्ली में केदारनाथ मंदिर बना रहे है ,जिनका लक्ष्य 20 करोड़ रुपये इकठ्ठे करने का है । क्योंकि इस केदारनाथ धाम ट्रस्ट ने बुराड़ी में तीन एकड जमीन पर 20-25 फाउंडर मेम्बर्स के साथ ये दाव खेला है ।
वहीं केदारनाथ में सोने के गायब होने पर टिप्पणी कर मुकदमा झेल रहे पत्रकार गजेंद्र रावत लिखते है कि
_ क्या चंडाल चौकड़ी से घिर गए हैं पुष्कर धामी ? या किसी सोची समझी साजिश का शिकार हो रहे है धामी
? क्योंकि इससे पूर्व भी मुख्यमंत्री धामी एक ठग साधु के साथ पुस्तक विमोचन की फोटोशेसन को ले कर किरकिरी झेल चुके है ।